अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने हाल ही में ऐलान किया था कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी प्रभावी पाई गई है. लेकिन अब मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट ने कहा है कि वैक्सीन लोगों को बीमार होने से तो बचाती है, लेकिन हो सकता है कि यह वायरस को फैलने से न रोक पाए.
मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट तल जक्स ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है तो वैक्सीन शायद वायरस को अन्य लोगों में फैलने से न रोक पाए. हालांकि, जक्स ने कहा कि ट्रायल के दौरान इस चीज की जांच नहीं की गई है.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट ने कहा है कि लोग वैक्सीन के प्रभावी रिजल्ट को बहुत बढ़ा चढ़ाकर नहीं देखें. ना ही मॉडर्ना और ना ही फाइजर की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के दौरान इस बात की जांच की गई है कि क्या वैक्सीन संक्रमण को रोकने में कारगर होगी?
वहीं, एस्ट्राजेनका और ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के शुरुआती डेटा के मुताबिक, यह वैक्सीन संभवत: वायरस के प्रसार को रोक सकती है. हालांकि, अभी ट्रायल पूरा नहीं हुआ है और शुरुआती डेटा ही जारी किया गया है.
मॉडर्ना के चीफ साइंटिस्ट तल जक्स ने कहा कि हमारे ट्रायल डेटा से पता चला है कि वैक्सीन आपको बीमार होने से बचाती है, लेकिन ट्रायल डेटा से यह पता नहीं चला है कि किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद वैक्सीन वायरस के प्रसार को रोक पाएगी.