चीन के रिसर्चर्स को एक स्टडी में पता चला है कि मां का दूध ज्यादातर कोरोना वायरस को खत्म कर देता है. इससे पहले कुछ स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि ब्रेस्टफीडिंग से कोरोना फैल सकता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि कोरोना पॉजिटिव होने वाली मां को बच्चों को दूध पिलाना जारी रखना चाहिए.
scmp.com में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग के रिसर्चर्स ने स्टडी के दौरान ह्यूमन सेल्स और जानवरों के सेल्स पर मां के दूध का परीक्षण किया. विभिन्न प्रकार के सेल्स पर परीक्षण के बाद पता चला कि मां के दूध की वजह से ज्यादातर वायरस मर जाते हैं.
बीजिंग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टोन्ग यीगैंग ने कहा है कि मां का दूध वायरल अटैचमेंट को ब्लॉक कर देता है. रिसर्चर्स की टीम ने biorxiv.org पर शुक्रवार को यह स्टडी प्रकाशित कर दी है जिसका अब तक रिव्यू नहीं किया गया है.
इससे पहले जून में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभिन्न देशों की 46 ऐसी महिलाओं पर स्टडी की थी जो अपने बच्चों को दूध पिला रही थीं. स्टडी के दौरान पता चला कि तीन मां के दूध में वायरल जीन मौजूद हैं, लेकिन इससे संक्रमण के सबूत नहीं मिले. सिर्फ एक बच्चा कोरोना से संक्रमित हुआ था, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सका कि वह किसी बाहरी स्रोत से संक्रमित ना हुआ हो.
वहीं, चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में वुहान में कोरोना पॉजिटिव होने वाली कई महिलाओं को बच्चों से दूर कर दिया गया था और नवजात को मां का दूध नहीं दिया गया. अमेरिका की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था सीडीसी ने भी चेतावनी दी थी कि कोरोना पॉजिटिव मां अगर बच्चों को दूध पिलाती हैं तो उससे भी संक्रमण का खतरा हो सकता है.