कोरोना वायरस की त्रासदी से पूरा देश कराह रहा है. कोरोना मरीजों में आए दिन अजब-गजब लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इन सबके बीच कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में भी नए इंफेक्शन देखने को मिल रहे हैं.
गुजरात में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में जहां हार्ट अटैक, लीवर और ब्रेन स्ट्रोक संबंधित बीमारियां देखी जा रही हैं. वहीं अब इसके साथ एक और नई बीमारी भी देखने मिल रही है. गुजरात में कोरोना से ठीक होने वाले डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस नामक बीमारी हो रही है.
दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल में हाल ही में कोरोना के 120 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. इसमें 10 से ज्यादा लोगों की मौत इसी नई बीमारी से हुई है. यहां अब तक 10 से ज्यादा लोगों की आंखें कोरोना की वजह से चली गई हैं. ये बीमारी आंखों और शरीर के कई हिस्से में हो रही है. इस बीमारी की तुलना कैंसर से की जा रही है.
प्रतीकात्मक तस्वीर: Getty Images
अहमदाबाद की सिविल अस्पताल की ENT हेड डॉक्टर बेला प्रजापति का कहना है कि अब तक जितने भी केस हमारे पास आए, उस में 50 साल से ज्यादा उम्र के और खास कर डायबिटीज सी पीड़ित लोग इस बीमारी के शिकार हुए हैं. ऐसे लोगों में इसका असर ज्यादा देखने को मिला है.
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डॉ बेला का कहना है कि इस बीमारी में नाक में इरिटेशन के साथ साथ स्किन पर रेडनेस आती है, रेडनेस के साथ ही अगर इलाज किया जाए तो डेड स्किन नहीं बनती है. यह बीमारी एक प्रकार का फंगस इंफेक्शन है, जो डायबिटीज वाले मरीजों में सब से ज्यादा हो रहा है. इसमें पहले जुकाम होता है, जुकाम के बाद इंफेक्शन का प्रभाव मस्तिष्क पर होता है और इसके असर के तौर पर मरीज को अंधापन भी आ जाता है.
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डॉ बेला के मुताबिक ये इंफेक्शन काफी खतरनाक है. शुरुआत में सही ट्रीटमेंट ना मिलने पर ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. चौंकाने वाली बात ये है कि ऐसे मामले गुजरात ही नहीं दिल्ली से भी सामने आए हैं जहां कोरोना के बाद लोग म्यूकोरमाइकोसिस से बीमार हो रहे हैं.
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सूरत में भी अब तक म्यूकरमाकोसिस के 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिसमें 20 मरीजों ने अपनी आंखे गंवा दी हैं. जबकि अहमदाबाद में 120 पीड़ितों में से आठ लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा वडोदरा और राजकोट में भी म्यूकरमाईकोसिस के कई मामले सामने आए हैं. राज्य में अब तक करीब 500 ऐसे मामले आ चुके हैं.
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