ब्रिटेन और नाइजीरिया के बाद अब जर्मनी में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट यानी स्ट्रेन मिला है. हैरानी की बात ये है कि साइंटिस्ट अभी ये पता नहीं कर पाए हैं कि यह कितना संक्रामक है. दक्षिणी जर्मनी में मिले कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट से अब तक 35 लोग संक्रमित हो चुके हैं. अभी तक वैज्ञानिकों ने इस नए वैरिएंट का कोई नाम भी नहीं दिया है. (फोटोःगेटी)
दक्षिणी जर्मनी के बावरिया स्थित गार्मिश-पार्टेनकर्शेन क्लीनिक के प्रबंध निदेशक प्रैंक नीडरबुल ने जर्मन मीडिया संस्थान डायचे वेले को बताया कि अभी तक इसकी संक्रामकता के बारे में पता नहीं पाया है. हो सकता है कि यह पुराने सभी वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक हो. फिलहाल इस वायरस के जीनोम सिक्वेंस का अध्ययन किया जा रहा है. (फोटोःगेटी)
डिप्टी मेडिकल डायरेक्टर क्लिमेंस स्टॉक्लॉसनर ने कहा कि फिलहाल परेशान होने की जरूरत नहीं है. हमें इसके पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग के परिणाम आने तक इंतजार करना होगा. हमें अभी यह देखना है कि इस नए म्यूटेटेड कोरोना वायरस का क्लीनिकल रिलेवेंस कितना है. यह कितना संक्रामक है, क्या इसपर पुरानी वैक्सींस का असर होगा या नहीं. (फोटोःगेटी)
नए कोरोना वायरस से संक्रमित 35 लोगों का सैंपल जांच के लिए बर्लिन के शैराइट हॉस्पिटल में भेजा गया है. क्लिमेंस स्टॉक्लॉसनर ने कहा कि ब्रिटेन और नाइजीरिया में मिले कोरोना के वैरिएंट से जर्मनी का कोरोना वैरिएंट अलग है. हालांकि अभी तक इसकी वजह से किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन यह संक्रामक हो सकता है. (फोटोःगेटी)
दुनियाभर के साइंटिस्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस के जितने भी नए वैरिएंट आ रहे हैं उनपर अब तक बनी कोरोना वैक्सीन का असर हो रहा है. बस असर की मात्रा अलग-अलग है. जर्मनी में नए संक्रमण के दर में पिछले कुछ दिनों में गिरावट देखी गई है. स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने बताया कि ICU में आने वाले मरीजों की संख्या में 10 से 15 फीसदी की गिरावट आई है. (फोटोःगेटी)
जर्मनी के उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया है कि जो लोग दूसरे या सीमाई देशों से आ रहे हैं, उन्हें रोकना होगा ताकि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की चपेट में वो लोग न आएं. (फोटोःगेटी)
रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के अनुसार जर्मनी में सोमवार को कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हुआ था. वहां 7141 मामले सामने आए थे. हालांकि, पिछले सोमवार की तुलना में 5000 केस कम सामने आए हैं. लेकिन बावरिया और रीनलैंड-पैलेटिनेट में मरीजों की संख्या की गणना में कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसकी जांच चल रही है. (फोटोःगेटी)