कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन्स यानी वैरिएंट की वजह से भारत में भी चिंता का माहौल है. क्योंकि नए वैरिएंट्स के लक्षण भी नए हैं. देश में कई लोगों को ब्रिटेन में फैले नए वैरिएंट का संक्रमण देखने को मिला है. इसके पीछे वजह ये है कि कोरोना का ब्रिटिश वैरिएंट भारत में ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है. इसके लक्षण पुराने वाले कोरोनावायरस के लक्षणों से अलग हैं. आइए जानते हैं कि नए कोरोनावायरस के नए लक्षण किस-किस तरह के हैं. (फोटोःगेटी)
2019 में वुहान से पूरी दुनिया में फैले कोरोनावायरस के तीन बेसिक लक्षण हैं बुखार, लगातार खांसी आना और स्वाद-गंध पहचानने की क्षमता में कमी आना. लेकिन अब कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से दिख रहे संक्रमण के बारे में लोगों को सजग रहना चाहिए. लोगों को इन नए लक्षणों के बारे में जानना चाहिए. (फोटोःगेटी)
ब्रिटेन में फैले नए कोरोना के स्ट्रेन में सात नए तरीके के लक्षण हैं. चुंकि अब ये वायरस भारत में भी लोगों को संक्रमित कर रहा है. इसलिए इसे जानना अत्यधिक जरूरी है. इन लक्षणों में सबसे पहले आता है गले में खराश, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, डायरिया, कंजक्टिवाइटिस, सिर दर्द, त्वचा में सूखापन-खुजली और उंगलियों और एड़ियों का रंग बदलना. (फोटोःगेटी)
ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में आए कोरोनावायरस स्ट्रेन पिछले कोरोनावायरस वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक और घातक हैं. ये सिर्फ स्वस्थ लोगों को भी बीमार कर रहे हैं. इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विसेस (NHS) के मुताबिक पिछले कोरोनावायरस स्ट्रेन के तीन बेसिक लक्षणों के साथ-साथ नए वैरिएंट के लक्षण भी संक्रमित लोगों में दिखाई पड़ सकते हैं. (फोटोःगेटी)
NHS के मुताबिक अगर आपके शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा ज्यादा बना हुआ है तो आपको तुरंत अपनी कोरोना जांच करा लेनी चाहिए. ये सामान्य लक्षण है, जिससे कोरोना होने की पहचान होती है. इंग्लैंड के वॉरिग्ंटन्स में पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर थारा राज ने बताया कि कई ऐसे लोग भी सामने आए हैं जिनमें ये सारे या इनमें से कुछ लक्षण बेहद हल्के रूप में दिखाई देते हैं. (फोटोःगेटी)
NHS ने बताया कि कोरोना के लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम की तरह ही दिखते हैं. इसलिए अगर आपको सर्दी-जुकाम हो या बुखार रह रहा हो तो आप तुरंत कोविड जांच कराएं. जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, तब तक आप लोगों से दूरी बनाकर रखें. संभव हो तो खुद को आइसोलेट कर लें. इसके बाद लगातार ढेर सारा पानी पिएं और आराम करें. इससे शरीर का तापमान सही रहेगा. (फोटोःगेटी)
केंद्र ने कहा है कि महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी और कोरोना के नए वैरिएंट N440K और E484Q के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. ईसीएमआर (ICMR) के मुताबिक, ये वैरिएंट कोरोना केस में बढ़ोतरी की वजह नहीं है. NITI आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल के मुताबिक, देश में SARS-CoV-2 के यूके स्ट्रेन से अब तक 187 लोग संक्रमित हो चुके हैं. जबकि दक्षिण अफ्रीका के कोरोना वैरिएंट से 6 लोग संक्रमित हैं. इसके अलावा, ब्राजील के कोरोना वैरिएंट से अब तक एक व्यक्ति संक्रमित हुआ है. उन्होंने कहा कि अब 3,500 लोगों का सैम्पल लिया जा चुका है. (फोटोःगेटी)
भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी बनना बहुत मुश्किल है. क्योंकि यहां लोग नियम कम मानते हैं. अपने मन की करते हैं. इसलिए नए कोरोना वायरस स्ट्रेन से ज्यादा प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. ब्रिटेन में कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन का पता दूसरी लहर के समय सितंबर महीने में पता चला था. दूसरा स्ट्रेन दक्षिण अफ्रीका में लगभग उसी समय के आसपास मिला. (फोटोःगेटी)
पिछले कुछ महीनों में कोरोनावायरस में पूरी दुनिया में अब तक 12 बार म्यूटेट कर चुका है. यानी नया स्ट्रेन या वैरिएंट ला चुका है. इनमें से ज्यादा बदलाव जेनेटिक कोड्स में हुए हैं. इस 12 म्यूटेशन में से 9 बदलाव गंभीर माने जा रहे हैं. कोरोना वायरस के लक्षणों पर एक बड़ा अध्ययन कनाडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है. इसमें 70 हजार मरीजों के आंकड़ों के कैटेगरी में बांटा गया है. (फोटोःगेटी)
साइंटिस्ट ने लोगों के डेटा को तीन श्रेणियों में बांटा है. पहला आउट पेशेंट, दूसरा इनपेशेंट और तीसरा आईसीयू में भर्ती मरीजों का. 70,288 लोगों में से 53.4 फीसदी अस्पताल में भर्ती हुए. 4.7 प्रतिशत लोग आईसीयू में भर्ती थे. बाकी 46.6 फीसदी आउट पेशेंट थे. (फोटोःगेटी)
देश में कोरोना के एक्टिव मामले 1 लाख 50 हजार से नीचे बने हुए हैं, लेकिन कुछ राज्यों जैसे केरल, महाराष्ट्र और पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इन प्रदेशों में प्रतिदिन कोरोना मामले बढ़ते जा रहे हैं. अकेले केरल में ही 38 प्रतिशत एक्टिव कोरोना मामले हैं, जबकि महाराष्ट्र में 37 प्रतिशत एक्टिव मामले हैं. (फोटोःगेटी)