नॉर्वे में फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद कम से कम 33 लोगों की मौत हो चुकी है और अब इस मामले पर देश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बयान दिया है. कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मौत के सभी मामले नर्सिंग होम के हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने मृत लोगों के बारे में कुछ जानकारी सार्वजनिक की है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्वे के अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों की मौत हुई है, वे पहले से काफी अधिक बीमार थे. इनमें से कई लोग गंभीर बीमारी (मरणांतक रोग या Terminal illness) से जूझ रहे थे.
इतनी अधिक मौतों के बावजूद नॉर्वे के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वैक्सीन सुरक्षित है और ज्यादातर मौतों के लिए संभवत: कोरोना वायरस वैक्सीन वजह नहीं होगी. बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल सहित कई देशों में फाइजर की कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.
नॉर्वे की मेडिसीन एजेंसी के मेडिकल डायरेक्टर स्टीनर मैडसेन ने कहा है कि बेहद गंभीर बीमारी से जूझ रहे ऐसे लोगों के लिए वैक्सीन के मामूली साइड इफेक्ट भी जानलेवा हो सकते हैं. मैडसेन ने यह भी कहा कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट के खतरे की तुलना में कोरोना का खतरा अधिक बड़ा है.
हालांकि, कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद मौत के मामलों की जांच अभी जारी है और इसी हफ्ते नॉर्वे के अधिकारी यूरोपियन मेडिसीन एजेंसी के साथ घटना को लेकर चर्चा कर सकते हैं. वहीं, फाइजर-बायोटेक ने कहा है कि उनकी सहानुभूति शोकसंतप्त परिवार के साथ है.
फाइजर-बायोटेक ने यह भी कहा है कि नॉर्वे ने नर्सिंग होम में रहने वाले बुजुर्गों को सबसे पहले वैक्सीन देने का फैसला किया था जो स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और इनमें से कई मरणांतक रोग से ग्रस्त थे.