एस्ट्राजेनका कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन का फिर से ट्रायल करने जा रही है. कंपनी ने हाल ही में एक ट्रायल का शुरुआती डेटा जारी किया था. लेकिन इस डेटा को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनका कंपनी ने ट्रायल के दौरान हुई गलती को स्वीकार कर लिया. अब कंपनी की ओर से नया वैश्विक ट्रायल करने के संकेत मिले हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन पर उठ रहे सवालों को खत्म करने के लिए एस्ट्राजेनका नया ट्रायल करना चाहती है. एस्ट्राजेनका के सीईओ पास्कल सोरिअट ने कहा है कि कंपनी चाहती है कि नए ट्रायल में वैक्सीन के 90 फीसदी प्रभावी होने के डेटा की फिर से जांच हो.
पहले ट्रायल के एक हिस्से में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी पाई गई थी. एस्ट्राजेनका कंपनी ने माना था कि उत्पादन के दौरान हुई गलती की वजह से कुछ लोगों को वैक्सीन की कम खुराक मिली थी और ऐसे लोगों में ही वैक्सीन अधिक प्रभावी पाई गई.
शुरुआत में न तो एस्टाजेनका और न ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने गलती का खुलासा किया था जिसकी वजह से डेटा के कम पारदर्शी होने को लेकर सवाल उठने लगे. एस्ट्राजेनका के सीईओ पास्कल सोरिअट का कहना है कि नया वैश्विक ट्रायल कम समय में पूरा हो सकता है क्योंकि अब पता चल गया है कि वैक्सीन काफी अधिक प्रभावी है. इसलिए अब कम मरीजों की जरूरत होगी.
पास्कल सोरिअट ने यह भी कहा कि अमेरिका में वैक्सीन को मंजूरी मिलने में समय लग सकता है, क्योंकि अन्य जगहों पर की गई स्टडी के आधार पर अमेरिका में वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की संभावना कम है. वहीं, वैक्सीन के ट्रायल डेटा पर सवाल उठने के बाद एस्ट्राजेनका के शेयर में शुक्रवार तक 8 फीसदी की गिरावट देखी गई.