कोरोना वायरस को लेकर पाकिस्तान की तैयारियों की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है. पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से बनाए गए आइसोलेशन कैंप में इंसानों की जिंदगी जानवरों से भी बदतर हो चुकी है. यहां पसीने और मानव मल की बदबू के बीच 6000 से ज्यादा लोगों की जिंदगी के साथ सुविधाओं के नाम पर मजाक हो रहा है.
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यह आइसोलेशन कैंप पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ताफतान शहर में बनाया गया है. ईरान से पाकिस्तान में दाखिल होने वाले लोगों को कोरना वायरस के डर से यहीं ठहराया गया है. बता दें कि चीन और इटली के बाद ईरान में कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिला है.
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इसी कैंप में तकरीबन दो हफ्ते बिताने वाले मोहम्मद बकीर ने कैंप में लोगों की तंगहाली बयां की है. बकीर ने बताया कि यहां सैनेटाइज की सुविधा तो दूर की बात है साफ-सुथरे टेंट, टॉयलेट, तौलिया और चादर तक को लोग तरस रहे हैं.
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बकीर ने कहा, 'मैंने अपनी पूरी जिंदगी में किसी जगह पर इससे ज्यादा गंदगी नहीं देखी है. वो दो हफ्ते मेरी जिंदगी के सबसे बुरे दिन-रात थे. इस कैंप में इंसानों के साथ जानवरों से भी ज्यादा बुरा सुलूक हो रहा है.'
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बकीर का कहना है कि पाकिस्तान की जमीन पर बने इस आइसोलेशन कैंप में कोई सुविधा नहीं है. गंदे-मैले टेंट देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों में यहां इंसानियत रही ही नहीं है. ताफतान में बने इस कैंप में इलाज की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं दी जा रही हैं.
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डॉक्टर्स का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति में संक्रमित होने के लक्षण दिख भी जाते हैं तो न तो यहां आइसोलेशन की सुविधा है और ना ही जांच की. मेडिकल सुविधाओं के नाम पर यह कैंप एकदम कंगाल है. डॉक्टर्स और नर्स की भी काफी कमी है. कुछ दवाएं मंगाने के लिए डॉक्टर्स को पैसे देने पड़ रहे हैं.
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नाम ना बताने की शर्त पर एक डॉक्टर ने बताया कि पहले 20 दिनों में ही कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने लगए थे, लेकिन अगले तीन हफ्तों तक कैंप में किसी तरह की जांच सुविधा न होने की वजह से उन्हें अनदेखा करना पड़ रहा था.
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इस दौरान कई डायबिटीज, हेपेटाइटिस और कई तरह के संक्रमित मरीज भी देखने को मिले थे, जिन्हें 14 दिनों के लिए कोरंटाइन किया गया था. इतनी गंभीर स्थिति में भी लोगों के साथ जानवरों जैसा सुलूक हो रहा था.
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बता दें कि ईरान की सीमा से लगता यह बॉर्डर करीब 600 मील तक फैला है. पाकिस्तान से कई तीर्थयात्री यहीं से होकर ईरान जाते हैं. यह बॉर्डर दोनों देशों के बीच व्यापार का मार्ग भी है.
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ईरान में कोरोना वायरस के प्रकोप ने पाकिस्तान सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. पिछले सप्ताह ही पाक सरकार ने ईरान से आने वाले लोगों की एंट्री पर आधिकारिक रूप से रोक लगा दी थी. लेकिन बीते मंगलवार को ही बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा रिश्वत लेकर करीब 100 लोगों को पाकिस्तान में एंट्री मिलने की खबर सामने आई थी.
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पिछले दो सप्ताह में ईरान से दर्जनों कोरना वायरस संक्रमित पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए हैं. साउथ एशिया में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या पाकिस्तान में सबसे ज्यादा है.
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पाकिस्तान में कोरोना वायरस के अब तक 730 मामले सामने आ चुके हैं. इस जानलेवा वायरस के चलते पाकिस्तान में अब तक कुल तीन मौतों की पुष्टि की गई है.