कोरोना की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर से खुशखबरी आनी शुरू हो चुकी है. इस बीच अमेरिका की एक दवा कंपनी एक अलग अच्छी खबर सुनाई है. उसकी एंटीबॉडी थैरेपी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को जल्द ठीक कर रही है. इस थैरेपी से उन मरीजों को ज्यादा फायदा मिल रहा है, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. (फोटोः गेटी)
अमेरिकी दवा कंपनी रीजेनेरॉन फार्मास्यूटिकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) ने सिंतबर में कहा था कि वो दवा एंटीबॉडीज कैसिरिविमैब (Casirivimab) और इमदेवीमैब (Imdevimab) को मिलाकर एक एंटीबॉडी थैरेपी शुरू करने वाली है. ट्रायल चल रहा था. अब उसके नतीजे देखने को मिले हैं. इस थैरेपी से मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस की मात्रा में कमी आई है. (फोटोः रॉयटर्स)
रीजेनेरॉन फार्मास्यूटिकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) की एंटीबॉडी थैरेपी में वो लोग शामिल थे, जिनका शरीर खुद की एंटीबॉडी बना रहा था. जिसे सीरोपॉजिटिव (Seropositive) कहते हैं. वो लोग भी शामिल थे जिनका शरीर खुद एंटीबॉडी नहीं बना रहा था. इन्हें सीरोनिगेटिव कहते हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
सीरोनिगेटिव (Seronegative) मरीजों को रीजेनेरॉन फार्मास्यूटिकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) ने एंटीबॉडी थैरेपी दी. इसके बाद अपनी खुद की एंटीबॉडी न बना पाने वाले मरीजों को शानदार फायदा हुआ. कोरोना की वजह से उनके मरने की आशंका लगभग खत्म हो गई. (फोटोः गेटी)
स्टडी के दौरान यह बात भी सामने आई कि एंटीबॉडी थैरेपी लेने वाले मरीजों को मैकेनिकल वेंटिलेशन यानी ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं पड़ रही थी. जो मरीज वेंटिलेटर थे वो भी इस एंटीबॉ़डी थैरेपी की वजह से जल्द ही वेंटिलेटर से हटाए जा रहे थे. इतना ही नहीं साथ ही उनके शरीर में कोरोना वायरस की मात्रा में कमी आई. (फोटोः गेटी)
इस थैरेपी और स्टडी के आधार पर रीजेनेरॉन फार्मास्यूटिकल्स (Regeneron Pharmaceuticals) ने कहा कि अब वह अपनी स्टडी का आखिरी चरण पूरा करेगा. पिछले महीने अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एंटीबॉडी थैरेपी के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी. एंटीबॉडी थैरेपी कम से मध्यम स्तर के संक्रमित मरीजों को दी जाती है. (फोटोः रॉयटर्स)