रूस ने एक विवादित वैक्सीन लॉन्च करने के बाद अब दूसरी की तैयारी भी कर ली है. रूस ने दावा किया है कि उसकी पहली वैक्सीन में जिस तरह के साइड इफेक्ट्स थे, वो दूसरी वैक्सीन में नहीं हैं. यह वैक्सीन बेहद खुफिया तरीके से बनाई गई है. इसे बनाने के लिए उपयोग किए गए मिश्रण सोवियत बायोलॉजिकल वेपंस रिसर्च प्लांच से मंगाए हैं. (फोटोः रॉयटर्स)
वैक्सीन का नाम EpiVacCorona है. इसका ट्रायल सितंबर में पूरा हो जाएगा. हाल ही में रूस ने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन 'स्पुतनिक-वी' लॉन्च की थी. इसे रूसी रक्षा मंत्रालय और गामालेया रिसर्च सेंटर ने तैयार किया था. यह वैक्सीन कई वजहों से विवादों में रही थी. (फोटोः रॉयटर्स)
रूस की दूसरी वैक्सीन EpiVacCorona का पहला ट्रायल 57 लोगों पर किया गया. इन लोगों को 23 दिन के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. ट्रायल के दौरान दौरान उनकी जांच हुई. अब तक हुए ट्रायल में कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है. (फोटोः रॉयटर्स)
वैक्सीन का लक्ष्य इम्यून रेस्पॉन्स को देखना था. इसके लिए 14 से 21 दिन में वॉलंटियर्स को वैक्सीन की दो डोज दी गईं. रूस को उम्मीद है कि वैक्सीन अक्टूबर तक रजिस्टर्ड कराई जा सकेगी. नवंबर में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
इस वैक्सीन को वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर तैयार किया गया है. यह दुनिया के उन दो प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसके पास चिकनपॉक्स की वैक्सीन का सबसे बड़ा स्टॉक है. दूसरा संस्थान अमेरिका में है. (फोटोः रॉयटर्स)
सोवियत बायोलॉजिकल वेपंस रिसर्च प्लांट और वेक्टर रिसर्च सेंटर ने मिलकर अब तक कोरोनावायरस की 13 वैक्सीन पर काम किया है. इनकी टेस्टिंग जानवरों पर हुई थी. वेक्टर रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर औद्योगिक स्तर पर स्मॉलपॉक्स का टीका बनाया था. पिछले कुछ सालों में इसी संस्थान के साथ मिलकर रूस ने ब्यूबोनिक प्लेग, इबोला, हेपेटाइटिस-बी, एचआईवी, सार्स और कैंसर का एंटीडोज तैयार किया था. (फोटोः रॉयटर्स)
रशिया ने दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन 11 अगस्त को कराया था. यह काफी विवादों में रही क्योंकि तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने से पहले ही इसे लॉन्च कर दिया गया. रूस ने 'स्पुतनिक-वी' के पहले से लेकर तीसरे चरण तक की जानकारी और विस्तृत आंकड़ा नहीं जारी किया. (फोटोः रॉयटर्स)
ट्रायल के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. WHO ने वैक्सीन को खतरनाक बताया. रूस ने दावा किया जिनको वैक्सीन लगी उनमें साइड इफेक्ट नहीं दिखे. जबकि रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज बताते हैं, वैक्सीन मात्र 38 वॉलंटियर्स को दी गई. इनमें 144 तरह के साइड इफेक्ट दिखे. (फोटोः रॉयटर्स)
वालंटियर्स में बुखार, शरीर में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, जहां इंजेक्शन लगा वहां खुजली होना और सूजन जैसे साइड इफेक्ट दिखे. इसके अलावा शरीर में एनर्जी महसूस न होना, भूख न लगना, सिरदर्द, डायरिया, गले में सूजन, नाक का बहना जैसे साइड इफेक्ट कॉमन थे. (फोटोः रॉयटर्स)