एक सुपर कंप्यूटर से पता चला है कि वायरस के फैलने में ह्यूमिडिटी का काफी बड़ा रोल होता है और इसकी वजह से सर्दी में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ सकता है. इससे पहले कई एक्सपर्ट भी सर्दी में कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका जाहिर कर चुके हैं.
चूंकि ह्यूमिडिटी का असर वायरस फैलने पर पड़ता है, इसलिए इनडोर वातावरण में भी खतरा बढ़ जाता है. Fugaku नाम के सुपर कंप्यूटर से पता चला है कि 60 फीसदी ह्यूमिडिटी के मुकाबले, अगर हवा में ह्यूमिडिटी 30 फीसदी या और कम हो जाए तो वायरस जैसे कण की मौजूदगी दोगुनी हो सकती है.
स्टडी में यह भी पता चला है कि अगर खिड़की खोलना या वेंटिलेशन संभव ना हो तो ह्यूमिडिफायर्स के इस्तेमाल से वायरस फैलने के खतरे को कम किया जा सकता है. Riken और Kobe University की ओर से यह स्टडी प्रकाशित की गई है.
रिसर्चर्स ने कोरोना संक्रमित लोगों के जरिए वायरस जैसे कण को हवा में फैलाया और फिर फुगाकू सुपर कंप्यूटर से स्थिति का विश्लेषण किया. स्टडी में यह भी पता चला कि फेस शील्ड, फेस मास्क की तरह प्रभावी साबित नहीं होते हैं.