पाकिस्तानी मूल के एक डॉक्टर को अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की 10 खुराक चोरी करने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया. डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को तोड़कर पत्नी सहित अपने जानने वाले 10 लोगों को कोरोना की खुराक लगा दी. लेकिन टेक्सास में काम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि वैक्सीन कुछ ही घंटे में एक्सपायर होने वाली थी इसलिए उन्होंने खुद कुछ लोगों को फोन पर वैक्सीन देने का फैसला किया.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने डॉक्टर हसन गोकल के ऊपर वैक्सीन की चोरी का मुकदमा कर दिया. हालांकि क्रिमिनल कोर्ट के एक जज ने सरकार की आलोचना करते हुए मुकदमे को आधारहीन बताया और केस खारिज कर दिया. लेकिन प्रॉसेक्यूटर्स का कहना है कि अब वे डॉक्टर के खिलाफ बड़ी बेंच में मुकदमा दायर करेंगे.
डॉक्टर हसन गोकल का कहना है कि देर रात हो चुकी थी और वैक्सीन एक्सपायर होने वाली थी. इसकी वजह से उन्होंने अपने कुछ लोगों को फोन किया और जो लोग सामने आए उन्हें वैक्सीन दे दी. डॉक्टर हसन गोकल का कहना है कि बिना उनका पक्ष जाने उन पर चोरी का आरोप लगा दिया गया. बता दें कि मॉडर्ना की वैक्सीन की एक शीशी में 10 से 11 खुराक होती है. एक बार शीशी खुलने के बाद बाकी खुराक को 6 घंटे के भीतर देना जरूरी होता है.
डॉक्टर हसन गोकल का कहना है कि उन्होंने एक ऐसी महिला को वैक्सीन दी जिनकी उम्र 80 साल से अधिक थी और वह डिमेंशिया से पीड़ित थीं. वैक्सीन पाने वाली एक अन्य महिला वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी.
एक्सपायर होने से कुछ मिनट पहले डॉक्टर हसन गोकल ने आखिरी बची हुई खुराक अपनी पत्नी को दी जो सांस की समस्याएं से जूझ रही हैं.
डॉक्टर हसन गोकल ने बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में उन्हें सुपरवाइजर और एचआर डायरेक्टर ने बुलाया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया. गोकल ने कहा कि एक अधिकारी ने उनसे यह भी कहा कि जिन 10 लोगों को वैक्सीन लगाने में निष्पक्षता नहीं दिखाई दे रहा. गोकल ने अधिकारी से पूछा कि क्या आप ये कह रहे हैं कि ज्यादातर लोगों के नाम 'भारतीय' हैं. इस पर उन्हें जवाब मिला- हां, बिल्कुल. वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, डॉक्टर को नौकरी से निकालने के बाद हैरिस काउंटी पब्लिक हेल्थ ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है.