रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि भारत और चीन दोनों देश रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-पांच का उत्पादन शुरू कर सकते हैं. पुतिन ने कहा कि कोरोना से संघर्ष में भारत और चीन दोनों देश मिलकर रूस के साथ पूरी दुनिया को वैक्सीन दे सकते हैं. पुतिन ने साथ ही यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों में इस वैक्सीन को बनाने के लिए रिसर्च सेंटर भी खोला जाना चाहिए.
ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है. रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक पुतिन का यह बयान रूसी समाचार एजेंसी RIA के हवाले से मंगलवार को आया है. स्पुतनिक वैक्सीन को रूस की गामालेया इंस्टीट्यूट और आसेललेना कॉन्ट्रैक्ट ड्रग रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने मिलकर बनाया है.
रूस की सरकार और दवा कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन सफल है. ऐसा कहा जा रहा है कि रूस में लोगों को ये वैक्सीन दी भी जा रही है. यहां तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके परिवार ने भी इस वैक्सीन की डोज ली थी. रूस की सरकार ने इस स्पुतनिक-पांच को दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन बताया था.
रूस ने दुनिया में सबसे पहले कोविड-19 वैक्सीन को बाजार में उतारा था. रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने जुलाई के महीने में इसकी घोषणा की थी कि 10 अगस्त तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी. इसके बाद रूस ने इसे तय तारीख के आसपास ही बाजार में ला दिया था.
इस वैक्सीन को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. इसके बार खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मीडिया के सामने आकर कहा था कि उनकी यह वैक्सीन बेहतरीन है. इसका डोज उनकी बेटियां भी ले चुकी हैं. यह वैक्सीन कोरोना से बचाव के लिए बेहद प्रभावी है. रूस ने इस वैक्सीन को सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को दी थी.
रूस के सोवरन वेल्थ फंड के प्रमुख किरिल मित्रिव ने कहा था कि यह ऐतिहासिक मौका है. जैसे हमने अंतरिक्ष में पहला सैटेलाइट स्पुतनिक छोड़ा था. यह वैसा ही मौका है. अमेरिका के लोग सुनकर हैरान रह गए थे स्पुतनिक के बारे में, वैसे ही इस वैक्सीन के लॉन्च होने से वे फिर हैरान होंगे. हालांकि, रूस ने अभी तक वैक्सीन के ट्रायल का कोई डेटा जारी नहीं किया है.
कुछ लोगों ने तब इस बात की आलोचना भी की थी कि वैक्सीन जल्द बाजार में लाने के लिए राजनीतिक दबाव है. इसके अलावा वैक्सीन के अधूरे ह्यूमन ट्रायल पर भी सवाल उठ रहे हैं. दुनियाभर में दर्जनों वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. कुछ देशों में वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में हैं. लेकिन स्पुतनिक-5 जब लॉन्च की गई थी तब यह दावा किया गया था कि वैक्सीन जल्दी तैयार कर ली गई, क्योंकि यह पहले से ही इस तरह की अन्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम है.