बड़े-बूढ़ों के लिए कोरोना की कई वैक्सीन आ गईं? किशोरों के लिए वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. लेकिन अब तक बच्चों की कोरोना वैक्सीन क्यों नहीं आई? क्या दवा कंपनियों ने बच्चों की वैक्सीन के ट्रायल और उसे बनाने में देरी की है? जबकि, पूरी दुनिया को ये बात पता है कि बच्चों को कोरोना वैक्सीन देने से हर्ड इम्यूनिटी जल्दी आएगी. लोगों को कोरोना का खतरा कम होगा. हमारी अगली पीढ़ी इस खतरनाक महामारी से बची रहेगी. आइए जानते हैं बच्चों की कोरोना वैक्सीन आने में हुई देरी की वजह...(फोटोःगेटी)
दुनिया की दिग्गज दवा कंपनियों ने सबसे पहले बड़े-बूढ़ों की वैक्सीन बनाई. जनवरी में खबर आई थी कि मॉडर्ना फार्मास्यूटिकल्स किशोरों के लिए वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर रहा है. मॉडर्ना की जो वैक्सीन अभी बाजार में हैं और लोगों को दी जा रही है, वह कम से कम 18 साल की उम्र तक के लोगों के लिए है. वहीं फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन कम से कम 16 साल के उम्र के युवाओं को दी जा सकती है. लेकिन इससे कम उम्र के किशोरों और बच्चों का क्या? (फोटोःगेटी)
आइए समझते हैं इसे अमेरिका के इडाहो स्थित बॉयस इलाके में बतौर लाइब्रेरियन काम करने वाली मेगन एगबर्ट के हवाले से. मेगन की दो बेटियां हैं. एक 14 साल की और दूसरी 12 साल की. मेगन ने इन दोनों बेटियों को मॉडर्ना की वैक्सीन ट्रायल में रजिस्टर करवा दिया. अब दोनों बच्चियां अपने इलाके में सेलिब्रिटी बनी हुई हैं. मेगन को उम्मीद है कि उनकी बेटियों को किशोरों के लिए बन रही है वैक्सीन की डोज सबसे पहले मिलेगी. उनका भविष्य सेहतमंद करने और कोरोना महामारी से बचाने के लिए मेगन ने उनका नाम वॉलंटियर्स की लिस्ट में जुड़वाया था. पर बच्चों का क्या? (फोटोःगेटी)
अमेरिका की फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कहा है कि बच्चों के लिए अलग से वैक्सीन होनी चाहिए. इसके लिए अलग से स्टडी होनी चाहिए. बच्चों की इम्यूनिटी उम्र के साथ विकसित होती है, साथ ही ये बहुत ज्यादा अप्रत्याशित होती है. इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी कोरोना वायरस के हिसाब से अलग-अलग रेस्पॉन्स करती है. उनपर जो साइड इफेक्ट्स होते हैं वो वयस्क लोगों पर नहीं दिखते. (फोटोःगेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिंस सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट एंड ग्लोबल हेल्थ में पीडियाट्रिक्स के प्रोफेसर जेम्स कैम्पबेल कहते हैं कि बच्चों की इम्यूनिटी कोरोनावायरस के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. ये भी हो सकता है कि बुरा प्रभाव दिखा दे. जब तक बच्चों की कोरोना वैक्सीन के लिए सही से स्टडी नहीं की जाती उन्हें टीका नहीं दिया जा सकता. (फोटोःगेटी)
If children can benefit from the vaccine and play an important role is establishing herd immunity, why have pharmaceutical companies waited to study them? https://t.co/Enzr5Gy1Cr
— National Geographic Magazine (@NatGeoMag) February 21, 2021
अमेरिका में बच्चों को लेकर पहले ये माना जा रहा था कि कोरोना महामारी इन्हें ज्यादा परेशान नहीं करेगी. लेकिन 11 फरवरी 2021 तक के डेटा के अनुसार 30 लाख बच्चों में से 2.3 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित हुए. जितने बच्चे अस्पतालों में भर्ती हुए, उनमें से 241 बच्चों की मौत हो गई. दुनियाभर के बच्चों के डॉक्टरों का मानना है कि अगर बच्चों की कोरोना वैक्सीन बनती है तो उससे संक्रमण का खतरा तो कम होगा ही. बच्चों को मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम से बचाया जा सकेगा. (फोटोःगेटी)
दुनियाभर के बच्चों में से जितने को भी कोरोना हुआ, उनमें से हजारों बच्चों को मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम हुआ. इस बीमारी से यूरोप और अमेरिका के हजारों बच्चे प्रभावित हुए. इसकी वजह से बच्चों के शरीर के प्रमुख अंग जैसे- दिमाग, फेफड़े और दिल प्रभावित हुए. स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में पीडियाट्रिक्स के प्रोफेसर जोसेफ डोमचोस्के कहते हैं कि मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम चिंता की बात है. अगर कोरोना की वैक्सीन से बच्चों को राहत मिलती है तो वो जल्द आनी चाहिए. (फोटोःगेटी)
पिछले साल पतझड़ के मौसम में ही अमेरिकन एकेडेमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल्स में शामिल करने की बात कही थी. क्योंकि अब दुनिया भर के माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों का वैक्सीनेशन स्कूल खुलने से पहले हो जाए. इस समय फाइजर-बायोएनटेक 12 से 15 साल के 2259 बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रही है. वहीं, मॉडर्ना ने 12 से 17 साल तक के 3000 बच्चों को अपनी वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया है. जॉन्सन एंड जॉन्सन भी इसी तरह का ट्रायल शुरू करने वाला है. (फोटोःगेटी)
उम्मीद जताई जा रही है कि फाइजर और मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल्स का प्राथमिक परिणाम गर्मियों की शुरुआत तक सामने आएंगे. युवा बच्चों से संबंधित डेटा इस साल के अंत तक सामने आएंगे. एकबार ये डेटा सामने आ जाएंगे तो दवा कंपनियां छह महीने तक के बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करेंगे. (फोटोःगेटी)