विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जो देश संभावित कोरोना वैक्सीन की जमाखोरी करते हैं वे महामारी को और बड़ी बना देंगे. WHO प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस ने मंगलवार को कहा कि हमें 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' को रोकना होगा. वैश्विक स्तर पर रणनीति के साथ वैक्सीन की एक निश्चित सप्लाई करना सभी देशों के हित में है.
WHO ने 'कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी' से अमीर देशों के जुड़ने के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की है. विकासशील देशों के साथ संभावित वैक्सीन साझा करने के लिए WHO ने यह सुविधा शुरू की की है. टेड्रोस ने कहा कि उन्होंने WHO के 194 देशों को पत्र लिखकर इसमें शामिल होने की अपील की है.
WHO ने डर जताया है कि राष्ट्रीय हित की वजह से वैक्सीन तैयार करने की वैश्विक कोशिशों को नुकसान पहुंच सकता है. अब तक कोवैक्स के साथ सिर्फ 92 गरीब और 80 अमीर देश जुड़े हैं. फिलहाल कोवैक्स 9 वैक्सीन कैंडिडेट को कवर कर रहा है. इनमें से किसी भी वैक्सीन के सफल होने पर यह सभी देशों को उपलब्ध कराई जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा है कि जो देश कोरोना वैक्सीन हासिल करने के लिए द्विपक्षीय समझौते कर रहे हैं, वे भी अगर कोवैक्स में शामिल होते हैं तो इससे वैक्सीन पाने की संभावना बढ़ जाएगी.
बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 2 करोड़ 23 लाख से अधिक हो गई है. 7 लाख 84 हजार से अधिक लोग अब तक कोरोना से जान गंवा चुके हैं.