नीला आसमान, साफ पानी, शुद्ध हवा... लॉकडाउन के इस दौर में भी लोगों को ये सब बहुत पसंद आ रहे हैं. इतने लंबे वक्त बाद शायद कई दशकों बाद धरती इस कदर सांस ले पा रही है. पर्यावरणविदों का कहना है कि लॉकडाउन का धरती पर बड़ा असर पड़ा है. आज वर्ल्ड अर्थ डे है जिस दिन सही मायने में इंसानों की तरफ से धरती को लॉकडाउन एक तोहफा साबित हो रहा है. आइए पर्यावरणविद से जानें कि हमें इस लॉकडाउन का आने वाले समय में क्या फायदा मिलेगा. और किस तरह हम धरती को आगे भी खूबसूरत रख सकते हैं.
पर्यावरणविद चंद्र भूषण कहते हैं कि कोरोनावायरस के कहर के चलते आज पूरी दुनिया में लॉकडाउन के नियमों का पालन हो रहा है. भागती दुनिया की रफ्तार में आई कमी से
कार्बन उत्सर्जन काफी कम हुआ है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग भी कम हुई है. ऐसा माना जा रहा है कार्बन उत्सर्जन 5 प्रतिशत कम होगा. इसका फायदा हमारे जीवन पर सीधा देखने को मिलेगा.
चंद्रभूषण कहते हैं कि प्रदूषण की बात करें तो लॉकडाउन में वायु और जल प्रदूषण पर भी नियंत्रण लगा है. इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण पर भी काफी असर आया है. इसका असर ये है कि जानवर और जीव जंतु बाहर निकलकर आ रहे हैं. उन्हें भी बहुत राहत मिली है.
क्या आप सोच सकते हैं कि हमारे अभी तक के कामों से पृथ्वी को कितनी बर्बादी झेलनी पड़ी है जो कि फिलहाल काफी कम हो गया है. 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार 6 अरब किलोग्राम औद्योगिक कूड़ा रोज समंदर में डाला जाता रहा है जो कि अब न के बराबर है.
अगर भारत की बात करें तो देश हर साल प्रदूषण की वजह से 2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठा रहा है. वहीं जल प्रदूषण का आंकड़ा ये बताता है कि हर 8 सेकंड में एक बच्चा गंदा पानी पीने से मर जाता है. वायु प्रदूषण का स्तर इस खतरनाक बिंदु पर पहुंच गया था कि केवल मुंबई में एक स्वस्थ व्यक्ति का सांस लेना 100 सिगरेट के बराबर होता रहा है.
आज जब हर तरफ लॉकडाउन है ऐसे में इंसानों के फेफड़ों, गुर्दे और दिल पर पड़ने वाला प्रदूषण का असर कम हुआ है. पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर भविष्य में भी इसी तरह कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने की कुछ अलग से कोशिशें की जाएं तो इससे धरती का संकट काफी कम हो सकता है.
पर्यावरणविद चंद्रभूषण कहते हैं कि ये तो टेम्परेरी है क्योंकि लोग मजबूरी में घरों में बंद है. अगर हमें वाकई परिवर्तन लाना है तो लॉन्ग टर्म में कार्बन उत्सर्जन कम हो इसकी कोशिश होनी चाहिए. सबको नीला आसमान और साफ पानी पसंद आ रहा है. इसे कायम रखने के लिए इंडस्ट्री में सख्ती से पाबंदी लगानी चाहिए ताकि वो प्रदूषण न करें. रोड पर गाड़ियों को इलेक्ट्रिक मोड पर ले जाना चाहिए. सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा का ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. तभी हम आने वाले वक्त में आगे भी इसी तरह से पृथ्वी दिवस पर पृथ्वी को खूबसूरत तोहफा दे पाएंगे ताकि वो भी हमें अच्छा रिटर्न दे सके.