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कोरोना

UK में होगा अनोखा कोरोना ह्यूमन चैलेंज, इंसानों को किया जाएगा कोविड-19 से संक्रमित

World First Coronavirus Human Challenge
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आपसे पूछा जाए कि आपको कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाने वाला है. आप एक स्टडी का हिस्सा होंगे. आप पर पूरी तरह निगरानी रखी जाएगी. तो क्या आप मान जाएंगे? ज्यादातर लोग इस बात के लिए तैयार नहीं होंगे. कौन ऐसे चैलेंज में भाग लेना चाहेगा, जिसे पता है कि इस वायरस से उसकी तबियत खराब होगी. हो सकता है कि हालत गंभीर हो जाए और उसकी मौत हो जाए. इसके बावजूद कुछ ही हफ्तों में दुनिया का पहला कोरोनावायरस ह्यूमन चैलेंज शुरू होने वाला है. (फोटोःगेटी)

World First Coronavirus Human Challenge
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इंग्लैंड में एक ऐसे चैलेंज की शुरुआत करने की बात चल रही है, जिसमें कुछ स्वस्थ युवा लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित किया जाएगा. दावा किया जा रहा है कि ये संक्रमण उन्हें सुरक्षित माहौल में नियंत्रित तरीके से दिया जाएगा. फिलहाल इस चैलेंज का अप्रूवल इंग्लैंड के क्लीनिकल ट्रायल्स एथिक्स बॉडी के पास पड़ी है. (फोटोःगेटी)

World First Coronavirus Human Challenge
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दुनिया के पहले कोरोनावायरस ह्यूमन चैलेंज (World's First Coronavirus Challenge) में 90 लोगों को शामिल किया जाएगा. इसमें स्वस्थ वॉलंटियर्स लिए जाएंगे, जिनकी उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच हो. इंपीरियल कॉलेज लंदन में एक्सपेरीमेंटल मेडिसिन के प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने बताया कि यह एकदम अलग प्रकार की स्टडी है. (फोटोःगेटी)

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World First Coronavirus Human Challenge
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गार्जियन साइंस वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार प्रोफेसर पीटर ने बताया कि इससे हमें पता चलेगा कि संक्रमण किस हद तक जा सकता है. वायरस के फैलने का ट्रेंड और प्रभावशीलता क्या है. इन सबके आधार पर हम कोरोनावायरस को निष्क्रिय या खत्म करने की नई इलाज पद्धत्ति, दवा या वैक्सीन खोज सकते हैं. प्रोफेसर ने बताया कि वॉलंटियर्स का पूरा ख्याल रखा जाएगा. (फोटोःगेटी)

World First Coronavirus Human Challenge
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प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने बताया कि जो भी वॉलंटियर्स इस चैलेंज में भाग लेंगे, हम उन्हें पहले ही सारी जानकारी देंगे. हम इस चैलेंज के रिस्क भी बताएंगे. हालांकि सबको कोरोनावायरस का रिस्क पता है. इसके बावजूद हम उन्हें सारे खतरे बताएंगे ताकि वो इस चैलेंज के लिए अपना मन बना सकें. क्योंकि कोई भी रिस्क जानते हुए ऐसे चैलेंज में शामिल नहीं होना चाहेगा. (फोटोःगेटी)

World First Coronavirus Human Challenge
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दुनिया के पहले कोरोनावायरस ह्यूमन चैलेंज (World's First Coronavirus Challenge) में जो संस्थाएं शामिल हैं, उनमें हैं- इंग्लैंड के सरकार की वैक्सीन टास्कफोर्स, इंपीरियल कॉलेज लंदन, द रॉयल फ्री लंदन एनएचएस फाउंडेशन और क्लीनिकल कंपनी hVIVO. चैलेंज का पहला हिस्सा एक महीने में शुरू कर दिया जाएगा. (फोटोःगेटी)

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प्रोफेसर पीटर ओपेनशॉ ने बताया कि हम वॉलंटियर्स की कोरोना वायरस का इतना छोटा संक्रमण कराएंगे, जिससे वो ज्यादा बीमार न हों. सिर्फ उसमें हल्के लक्षण दिखने लगे. स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद वॉलंटियर्स को कहा जाएगा कि वो लंदन के रॉयल फ्री हॉस्पिटल में क्वारनटीन होकर रहें. वायरस इन वॉलंटियर्स के नाक में बूंदों के रूप में डाला जाएगा. (फोटोःगेटी)

World First Coronavirus Human Challenge
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संक्रमण की पहली रिपोर्ट मिलने के ठीक बाद से लेकर अगले 14 दिनों तक मरीज निगरानी में रहेगा. हर दिन उसके खून की रिपोर्ट ली जाएगी, सात ही स्वैब भी जमा किया जाएगा. इंपीरियल कॉलेज लंदन में इसी प्रोजेक्ट पर लगे डॉक्टर क्रिस चिउ ने कहा कि हम लोगों से खुद से सूंघने के लिए कहेंगे. अगर उन्हें स्पेसिफिक गंध आ रही है, तो ठीक है. (फोटोःगेटी)

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कोरोनावायरस ह्यूमन चैलेंज (Coronavirus Human Challenge) की टीम इस बात से आश्वस्त है कि वह किसी भी वॉलंटियर को नुकसान नहीं होने देगी. इस चैलेंज से पता चलेगा कि हमें कैसे प्रोटेक्शन की जरूरत कोरोना से जंग जीतने के लिए, वायरस कैसे फैला, इसके अलावा युवाओं में कोरोना वायरस के असर का अध्ययन किया जाएगा. (फोटोःगेटी)

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World First Coronavirus Human Challenge
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इस स्टडी के लिए बाकायदा एक वेबसाइट बनाई गई है. इस चैलेंज के लिए यूके की सरकार ने 33.6 मिलियन पाउंड यानी 332 करोड़ रुपए दिए गए हैं. ताकि ऐसी स्टडी को पूरा किया जा सके. दुनियाभर के साइंटिस्ट कह रहे हैं कि अगर ये चैलेंज सफल होता है. तो इसकी वजह से दुनियाभर के साइंटिस्ट्स को बहुत मदद मिलेगी. (फोटोःगेटी)

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