कोरोना से निपटने के लिए भारत के लिए एक राहत भरी खबर आई है. रूस की स्पुतनिक V वैक्सीन का फर्स्ट बैच अगले हफ्ते कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल में पहुंच जाएगा जहां वैक्सीन के सेकंड और थर्ड फेज का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल होना है.
पीटीआई की खबर के अनुसार, ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल को कराने के लिए डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) अप्रूवल ले लिया है.
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरबी कमल ने बताया कि अगले हफ्ते से ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो जाएगा. इसके लिए 180 वॉलंटियर ने रजिस्ट्रेशन कराया है. यहां रिसर्च के हेड सौरभ अग्रवाल वैक्सीन की खुराक तय करेंगे. एक खुराक देने के बाद वॉलंटियर की हालत को मॉनिटर किया जाएगा और देखा जाएगा कि उन्हें अगली खुराक दी जाए या नहीं.
आरबी कमल ने बताया कि वॉलंटियर की स्थिति को समय-समय पर जांचा जाएगा और मिल रहे डेेटा का एनॉलिसिस किया जाएगा कि वैक्सीन सफल है या नहीं. यह परीक्षण सात महीने तक किया जाएगा. एक महीने में में वैक्सीन का प्रभाव देखने के बाद अथॉरिटिज आगे के डिसिजन लेगी. कॉलेज की एथिक्स कमेटी ने भी ट्रायल के लिए परमिशन दे दी है. इस वैक्सीन को माइनस 20 से माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है.
सितंबर में डॉक्टर रेड्डी कंपनी ने ने रशियन डायरेक्टर इन्वेस्टमेंट फंड, रशिया सॉवरिन वेल्थ फंड के साथ पार्टनरशिप की है जिससे रूस की वैक्सीन स्पुतनिक V का डिस्ट्रीब्यूशन भारत में किया जा सके. भारत में वैक्सीन की 10 करोड़ डोज सप्लाई का करार हुआ है.