कोरोना ने दिसंबर 2019 में दुनिया में दस्तक दी थी. करीब 3 साल पूरे होने आए हैं, लेकिन समय समय पर आईं संक्रमण की लहरों से लोगों के मन में अभी कोरोना का खौफ बना हुआ है. इन सबके बीच कोरोना वायरस की दस्तक ने एक बार फिर सबकी चिंता बढ़ा दी है. कहा जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में ही कोरोना की नई लहर देखने को मिल सकती है. बताया जा रहा है कि Omicron के सबवैरिएंट नई लहर की वजह बन सकते हैं. मौजूदा समय में दुनियाभर में ओमिक्रॉन के 300 सबवैरिएंट मौजूद हैं. इनमें से ज्यादातर BA.5 वैरिएंट के सबवैरिएंट हैं.
ओमिक्रॉन के नए सब वैरिएंट का पता लगाने के लिए ट्रेकिंग, टेस्टिंग और सिक्वेसिंग बहुत जरूरी है. डब्ल्यूएचओ और उसके साथ मिलकर कई साइंटिस्ट इनके नए मॉड्यूलेशन का पता लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के 300 से ज्यादा सब वैरिएंट कई देशों में बड़ी तेजी से फैल रहे हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा यानी करीब 76 फीसदी BA.5 के सब वैरिएंट हैं.
WHO की एक कमेटी द्वारा डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस को सौंपी गई रिपोर्ट में यह बात कही गई है. इतना ही नहीं कमेटी ने कहा है कि नए वैरिएंट को पता लगाने के लिए सर्वेलांस, ट्रैकिंग और टेस्टिंग की रणनीति ही अहम है. कमेटी ने सिफारिश की है कि कोरोना को अभी भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न बनाए रखने की जरूरत है.
इतना ही नहीं कमेटी ने कोरोना के चलते होने वाली दिक्कतों और संक्रमण के बाद होने वाली परेशानियों से स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ने वाले बोझ को लेकर भी चिंता जताई है. उधर, WHO चीफ टेड्रोस अधनोम ने बताया कि वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से मौतें महामारी की शुरुआत के बराबर स्तर तक पहुंच गई हैं. उन्होंने बताया कि दुनिया में करीब दो तिहाई लोग कोरोना की वैक्सीन ले चुके हैं.
भारत में भी ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट मिले
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए सब-वैरिएंट की भारत में भी पहचान हो चुकी है. ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट का नाम BA.5.1.7 है. एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि यह नया वैरिएंट अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है और अगर लापरवाही बरती गई तो कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा भारत में BF.7 सब-वैरिएंट के पहले मामले के बारे में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने पता लगाया. चीन में कोरोना के मामले बढ़ने का कारण यही वैरिएंट है. चीन में कोविड -19 मामलों में आई तेजी का कारण BF.7 और BA.5.1.7 वैरिएंट ही बताया गया था. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और बेल्जियम में भी इस नए वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं.