कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई है. Covid-19 के कहर से अमेरिका जैसा महाशक्तिशाली देश भी अपने 3 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी नहीं बचा सका. भारत में भी इस महामारी की चपेट में आकर एक लाख 43 हजार से ज़्यादा मरीजों की जान जा चुकी है. लेकिन अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार काबू होती दिखाई दे रही है. वहीं, भारत में भी अब कोरोना वायरस के खात्मे की शुरुआत होने वाली है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का दावा है कि उनकी कंपनी को इस महीने के अंत तक वैक्सीन (covid-19 vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है. बता दें कि अदार पूनावाला की कंपनी ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्ड नाम की वैक्सीन बना रही है. इसके अलावा भारत बायोटेक और फाइजर इंडिया भी भारत में वैक्सीन की रेस में आगे हैं.
कोविशील्ड तीन चरणों का ट्रायल पूरा कर चुकी है. उसने भारत और ब्रिटेन में इमरजेंसी इस्तेमाल के लाइसेंस का आवेदन भी दे रखा है. जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन हैदराबाद में बन रही है. उसने भी इमरजेंसी इस्तेमाल का लाइसेंस मांगा है. अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन देने की शुरुआत हो चुकी है. उसने भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इजाजत मांग रखी है.
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अदार पूनावाला का अनुमान है कि अगर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को इजाजत मिल गई तो 2021 में सितंबर-अक्टूबर तक देश में जिंदगी सामान्य हो जाएगी. वहीं उनका ये भी कहना है कि जब 20 फीसदी आबादी को वैक्सीन मिल जाएगी और वो कारगर साबित हुई तभी कहा जा सकता है कि भारत कोरोना से जंग जीत लेगा.
देश में एक तरफ जहां कोरोना वैक्सीन के आने का बेसब्री से इंतजार है तो वहीं विभिन्न राज्यों में वैक्सीन के स्टोरेज, वितरण और टीकाकरण को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. वैक्सीन की कोल्ड चेन को बनाए रखने के लिए डीप फ्रीजर और दूसरे साधनों का इंतजाम किया जा रहा है. वहीं, सरकार ने टीकाकरण से जुड़ी गाइडलाइंस भी तैयार कर दी हैं.
कोरोना काल में लॉकडाउन से लेकर अब वैक्सीन की डिलीवरी तक की प्लानिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोल सबसे अहम रहा है. इसी प्लानिंग के तहत पूरे देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. यूपी के 75 जिलों को वैक्सीन के कोल्ड चेन (Cold Chain) के लिए तैयारी की जा रही है.
दिल्ली में वैक्सीन देने वालों को ट्रेनिंग दी जा रही है. राजधानी में ऐसी तैयारी है कि इस महीने के आखिर में या जनवरी की शुरुआत में टीकाकरण (Vaccination) शुरू किया जा सकता है. दिल्ली में 1 लाख हेल्थ वर्कर्स और 1 लाख 70 हजार वर्कर्स को पहले चरण में कोरोना का मुफ्त टीका लगाया जाएगा. जबकि कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत जम्मू-कश्मीर की पूरी आबादी को टीका लगाया जाएगा. हालांकि, जिन्हें ज्यादा खतरा है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
टीकाकरण को लेकर सरकारी गाइडलाइंस की अहम बातें
एक बूथ पर हर सत्र में 100 से 200 लोगों को टीका लगा जाएगा. उन पर 30 मिनट तक नजर रखी जाएगी जिससे रिएक्शन को देखा जा सके. वहीं, टीकाकरण केंद्र पर एक बार में एक ही व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा. केंद्र पर कोविन ऐप में पहले से रजिस्टर लोगों को ही टीका लगाया जाएगा. ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा. इनमें हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 50 साल से कम उम्र के गंभीर बीमारी से पीड़ितों को शामिल किया जाएगा.
एक वैक्सीनेशन टीम में होंगे ये सदस्य
1. वैक्सीनेटर ऑफिसर- डॉक्टर/नर्स/फार्मासिस्ट.
2. वैक्सीनेशन ऑफिसर 1- ( पुलिस होमगार्ड या सिविल डिफेंस का व्यक्ति) जो लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति देखेगा.
3. वैक्सीनेशन ऑफिसर 2- यह दस्तावेज की जांच को प्रमाणित करेगा.
4. वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4- यह दो सपोर्ट स्टाफ भीड़ आदि का प्रबंधन करेंगे.
कहा जा रहा है कि भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन का ऑर्डर दिया है. अब तक कोविड-19 वैक्सीन के 160 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया जा चुका है. जिसमें 50 करोड़ डोज ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का होगा. जबकि रूस की कोविड वैक्सीन Sputnik V का 10 करोड़ डोज और नोवावैक्स वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक का इंतजाम किया है.