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कोविशील्ड वैक्सीन: कितनी डोज जरूरी, कितनी सुरक्षित और क्या होगा दाम? जानें 15 सवालों के जवाब

भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की कितनी डोज तैयार हैं, कब तक ये लोगों को मिल पाएगी, कितनी कीमत होगी, वैक्सीन की कितनी डोज कब लेनी होगी. ऐसे वैक्सीन से जुड़े 15 सवालों के जवाब यहां जानिए...

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सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड (फाइल फोटो)
सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत में कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड को मिली मंजूरी
  • सीरम इंस्टीट्यूट तैयार कर रहा कोविशील्ड वैक्सीन
  • शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को दी जाएगी डोज

नए साल के मौके पर कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. बता दें कि ब्रिटेन में बीते दिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, जिसके बाद अब भारत में भी वैक्सीन को अप्रुवल मिल गया है. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रहा है. इस वैक्सीन का नाम कोविशील्ड है. सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने आजतक के साथ खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर हर उस सवाल का जवाब दिया, जो आम लोगों के मन में है.

भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की कितनी डोज तैयार हैं, कबतक ये लोगों को मिल पाएगी, कितनी कीमत होगी, वैक्सीन की कितनी डोज कब लेनी होगी. ऐसे वैक्सीन से जुड़े 15 सवालों के जवाब यहां जानिए...

1.    वैक्सीन लॉन्च होने के लिए कितने तैयार?
सीरम में पिछले 8-9 महीने से वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है, अब लॉन्च से पहले अंतिम रूप दिया जा रहा है. हमारे पास इतना स्टॉक है कि पूरे देश की जरूरत को पूरा कर सकते हैं. जितना स्टॉक अभी तैयार किया गया है, उतना तीन-चार साल में होता है जिसे 6 महीने में तैयार किया गया.

2.    वैक्सीन को अंतिम रूप कैसे दिया जाता है?
जब वैक्सीन बन जाती है, तो उसे एक छोटी बोतल में फिल किया जाता है. जिसके बाद पैकेजिंग होती है, अंत में चेक किया जाता है कि बोतल में वैक्सीन के अलावा कुछ और ना जाए. 

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3.    सीरम इंस्टीट्यूट से देश में कैसे जाएगी वैक्सीन?
वैक्सीन के डोज को अंतिम रूप देने के बाद सभी डोज को पैक किया जाएगा. जिसे बॉक्स में बंद करके ड्राइ आइस किया जाएगा, फ्रिजर वाले ट्रक से इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा. वैक्सीन को सरकारी कोल्ड स्टोरेज में रखा जाएगा.

4.    वैक्सीन की एक बोतल से कितने लोगों को वैक्सीन मिलेगी?
सीरम इंस्टीट्यूट में जो वैक्सीन की बोतल बन रही है, उसमें 10 डोज दी जा सकती हैं. जिसे एक बार खोलने के बाद 4-5 घंटे के भीतर इस्तेमाल की जा सकती है. यानी अगर एक डॉक्टर के पास वैक्सीन की एक बोतल है तो उसमें 10 डोज मौजूद होंगी जिन्हें वो पांच लोगों को दे सकता है.

5.    कितना सेफ है सीरम की वैक्सीन?
वैक्सीन बनाने में 9 महीने का वक्त गया है, सेफ्टी की सभी शर्तों को पूरा किया जा रहा है. हर वैक्सीन में कुछ ना कुछ साइड इफेक्ट होते हैं, लेकिन कोरोना की वैक्सीन में अभी तक जान का खतरा कोई सामने नहीं आया है. एक बार वैक्सीन लग जाए तो शुरू के सात दिन में इफेक्ट दिखना शुरू हो जाते हैं, अभी तक के सारे ट्रायल में कोई दिक्कत नहीं आई है.

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6.    ट्रायल के दौरान कैसे साइड इफेक्ट मिले?
जिन लोगों को ट्रायल के दौरान वैक्सीन दी गई, उनमें से कुछ ने सिर दर्द और हल्का बुखार होने की बात कही. जो सामान्य दवाई से कुछ दिन में ही ठीक हो गया, ऐसे में कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं हुआ है. 

7.    कितने तापमान में रखी जा रही है वैक्सीन?
सीरम इंस्टीट्यूट का दावा है कि उनकी वैक्सीन से 2 से 8 डिग्री के तापमान में रखा जा सकता है. ये किसी आम फ्रिज में भी रखी जा सकती है. अगर फ्रिज के बाहर वैक्सीन को रखा गया तो 10 दिन तक कुछ खराबी नहीं होगी, लेकिन फिर भी इसे 2 से 8 डिग्री तक में ही रखा जाना चाहिए. 

8.    अभी वैक्सीन की कितनी डोज तैयार हैं?
सीरम इंस्टीट्यूट के पास 50 मिलियन डोज तैयार हैं. जो कि कुल 25 मिलियन लोगों को दी जा सकती हैं. 

9.    वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच कितना अंतर जरूरी?
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट पूरी डोज के लिए अप्लाई कर रहा है. लेकिन लोगों से अपील की जा रही है कि वो पहली डोज और दूसरी डोज के बीच कुछ अंतर रखें. अगर दो महीने के बाद दूसरी डोज ली जाती है, तो काफी अच्छा सफलता मिलेगी.

अगर पहली डोज ले ली गई है, तो उसके बाद लोगों को सावधानी बरतनी होगी. हालांकि, वैक्सीन से भी आपको काफी मदद मिलेगी लेकिन खुद भी सतर्क रहना होगा. ताकि दो महीने बाद दूसरी डोज ले सकें?

10.    अगर सिर्फ एक ही डोज लगवाई तो क्या होगा?
सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि लोगों को ध्यान रखना होगा कि उन्हें दो डोज लेनी हैं. सिर्फ एक डोज से वैसी प्रोटेक्शन नहीं मिलेगी, जैसा पूरा डोज मिलने से मिलेगी. ऐसे में अगर वैक्सीन का फायदा लंबे वक्त तक लेना है, तो लोगों को दोनों ही डोज लेनी होंगी.

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11.    कोरोना के नए स्ट्रेन पर वैक्सीन काम करेगी?
सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर काम नहीं करेगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस में हल्का ही बदलाव हुआ है, ऐसे में वैक्सीन इसपर काम कर सकेगी. हालांकि, अगले कुछ दिनों में ये साफ हो जाएगा कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर कितना कारगर है.

12.    सीरम की वैक्सीन की कितनी कीमत होगी?
इंस्टीट्यूट भारत सरकार को एक डोज 200 रुपये में देगी यानी दो डोज की वैक्सीन 400 रुपये में दी जाएगी. लेकिन ये दाम सिर्फ सरकार के लिए है, क्योंकि सरकार सीरम से करोड़ों डोज खरीद रही है. अगर कोई प्राइवेट कंपनी वैक्सीन की डोज खरीदती है तो 1 हजार रुपये एक डोज के लिए देने होंगे. यानी किसी प्राइवेट जगह से वैक्सीन लेने का खर्च 2 हजार रुपये होगा.

13.    क्या मेडिकल स्टोर से मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन?
मार्च या अप्रैल तक प्राइवेट रूप से वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगी. लेकिन ये वैक्सीन आपको किसी डॉक्टर के पास ही मिलेगी, जो उसकी सलाह अनुसार ही दी जाएगी. लेकिन मुख्य रूप से शुरुआत में वैक्सीन सरकार कैसी व्यवस्था करती है उस हिसाब से मिलेगी.

14.    भारत सरकार ने अबतक कितने डोज खरीदे?
सरकार ने जुलाई 2021 तक 20 से 30 करोड़ डोज लेने की बात कही है, लेकिन लिखित कॉन्ट्रैक्ट नहीं हुआ है. सरकार अभी वैक्सीनेशन की तैयारी में लगी हुई है. सरकार किन वैक्सीन को मंजूरी देती है, उसपर लोगों को ध्यान देना चाहिए. हर वैक्सीन में कुछ अंतर हो सकता है, लेकिन जो सरकार से पास हो उसी का इस्तेमाल करना चाहिए.

15.    कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी कैसे रुकेगी?
सीरम की ओर से शुरुआत में सारी वैक्सीन सरकार को ही जाएगी. ऐसे में सरकार किसे वैक्सीन देती है, ये उनपर निर्भर है. हम उसके तीन-चार महीने में प्राइवेट लोगों को वैक्सीन दे सकेंगे. शुरुआत में कुछ भीड़ जैसी स्थिति हो सकती है, लेकिन आगे इंतजार करना होगा.

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