भारत की पहली कोरोना वैक्सीन 'कोविशिल्ड' को लेकर राहत की खबर है. बताया जा रहा है कि ये वैक्सीन कम ही वक्त में इस्तेमाल के लिए बाजार में उपलब्ध होगी. कोविशिल्ड को पुणे की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है. राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार भारतीयों को कोरोना का मुफ्त टीका लगाएगी. हालांकि, मीडिया में खबर आने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने समय को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया है.
शनिवार को दिया गया थर्ड फेज के ट्रायल का पहला डोज
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने बिजनेस टुडे को एक्सक्लूसिव जानकारी में बताया है कि, 'भारत सरकार ने हमें विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है. इसके तहत हमने ट्रायल प्रोटोकॉल की प्रक्रिया को तेज कर दिया है ताकि ट्रायल 58 दिनों में पूरा हो जाए. इस तरह शनिवार को तीसरे फेज के ट्रायल का पहला डोज दिया गया है, दूसरा डोज शनिवार से 29 दिनों के बाद दिया जाएगा.
ट्रायल का अंतिम डाटा दूसरा डोज दिए जाने के 15 दिन के बाद सामने आएगा. इसके बाद हम कोविशिल्ड को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं." इससे पहले इस वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने में 7 से 8 महीने लगने की बात कही जा रही थी.
हालांकि इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहेगा कि मीडिया में 'कोविशिल्ड' की उपलब्धता को लेकर किया जा रहा दावा गलत और अनुमान पर आधारित है.
17 केंद्रों पर 1600 लोगों के बीच शुरू हुआ ट्रायल
लेकिन इस प्रक्रिया में अब शनिवार से ही तेजी ला दी गई है. 17 केंद्रों में 1600 लोगों के बीच कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल 22 अगस्त से शुरू कर दिया गया है. इस प्रक्रिया में हर केंद्र पर लगभग 100 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है.
सीरम ने Astra Zeneca से खरीदे वैक्सीन बनाने के राइट्स
सूत्रों ने बताया कि ये वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट का है. सीरम इंस्टीट्यूट ने Astra Zeneca नाम की कंपनी से इस वैक्सीन को बनाने के लिए अधिकार खरीदे हैं. इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट Astra Zeneca को रॉयल्टी का भुगतान करेगी. इसके एवज में सीरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को भारत और दुनिया के 92 दूसरे देशों में बेचेगी.
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भारतीयों को मुफ्त टीका लगाएगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि वो सीरम इंस्टीट्यूट से सीधे कोविशिल्ड वैक्सीन खरीदेगी और भारतीयों को कोरोना का टीका मुफ्त में लगाएगी. भारत सरकार जून 2022 तक सीरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड़ टीके खरीदेगी. भारत सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन के तहत भारतीयों को मुफ्त टीका लगाएगी.
भारत की आबादी इस वक्त लगभग 130 करोड़ है. सीरम से 68 करोड़ डोज खरीदने के बाद वैक्सीन की बाकी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ICMR और भारत बायोटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही Covaxine और निजी फार्मा कंपनी Zydus Cadila द्वारा विकसित की जा रही ZyCoV-D का ऑर्डर दे सकती है, बशर्ते इन कंपनियों का कोरोना वैक्सीन का ट्रायल सफल रहे.
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भारत बायोटेक ने अबतक ये नहीं बताया कि वो वैक्सीन का ट्रायल कब शुरू करेगा और कब खत्म. हालांकि भारत बायोटेक के सीएमडी कृष्णा एल्ला ने कहा है कि वैक्सीन की सुरक्षा और क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माण में किसी तरह का शॉर्ट कट नहीं अपनाया जाएगा.
हर महीने 6 करोड़ डोज बनाएगा सीरम
वहीं सीरम इंस्टीट्यूट कोरोना वैक्सीन के 6 करोड़ डोज हर महीने बनाने पर काम कर रहा है. इस क्षमता को अप्रैल 2021 तक 10 करोड़ डोज हर महीने कर दिया जाएगा.
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता सीरम
वैक्सीन निर्माण में तेजी लाने के लिए सीरम ने अपने प्लांट में बदलाव किया है और इसपर 200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. इस कंपनी के पास 165 दिनों में 150 करोड़ वैक्सीन बनाने की क्षमता है.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन सीरम इंस्टीट्यूट को 1125 करोड़ रुपये देने पर सहमत हुआ है. ताकि ये कंपनी गरीब देशों को 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन का निर्माण और सप्लाई कर सके. सूत्रों के मुताबिक इस मदद के बाद सीरम इंस्टीट्यूट एक वैक्सीन की कीमत को 1000 रुपये से घटा कर 250 रुपये कर देगा. (बिजनेस टुडे के लिए पीबी जयकुमार की रिपोर्ट)