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दिल्लीः रामलीला-दुर्गा पूजा के पंडाल लग सकेंगे, DM की इजाजत और वीडियोग्राफी अनिवार्य

राजधानी दिल्ली में त्योहारों से संबंधित किसी भी इवेंट के आयोजन के लिए इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) से इजाजत लेना जरूरी होगा. इवेंट की इजाजत इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस के डीसीपी मिल कर देंगे वो भी पूरी तरह से निरीक्षण करने के बाद.

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कोरोना संकट के बीच इस साल भी हो सकेगी रामलीला (फाइल-पीटीआई)
कोरोना संकट के बीच इस साल भी हो सकेगी रामलीला (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उपस्थिति 50% या 200 से ज्यादा नहीं हो
  • मेले में फूड स्टॉल या प्रदर्शनी की अनुमति नहीं
  • किसी भी इवेंट में लोग खड़े नहीं होने चाहिए

कोरोना संकट की वजह से इस साल के सभी आयोजनों पर असर पड़ा है. लेकिन दिल्ली में रामलीला और दुर्गा पूजा के लिए पंडाल लग सकेंगे. हालांकि त्योहार से संबंधित किसी भी इवेंट के लिए इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से इजाजत लेना जरूरी होगा. 

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दिल्ली सरकार ने रविवार को रामलीला और दुर्गा पूजा को लेकर औपचारिक आदेश जारी किया है. हालांकि दिल्ली में त्योहार के दौरान 31 अक्टूबर तक मेला, किसी वेन्यू के अंदर या बाहर फूड स्टॉल, रैली, एग्जिबिशन या जुलूस की इजाजत नहीं होगी.

राजधानी में त्योहारों से संबंधित किसी भी इवेंट के आयोजन के लिए इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) से इजाजत लेना जरूरी होगा. इवेंट की इजाजत इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस के डीसीपी मिल कर देंगे वो भी पूरी तरह से निरीक्षण करने के बाद. 

लोगों की संख्या तय

किसी बंद जगह के इवेंट में पूरी क्षमता के 50% ही लोग या 200 से ज्यादा लोग नहीं हो सकते. जबकि खुली जगह में दूरी के नियम के हिसाब से अधिकतम संख्या सख्ती के साथ तय की जाएगी.

इवेंट ऑर्गेनाइजर इवेंट के लिए एंट्री और एग्जिट के अलग-अलग गेट रखेंगे और किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क के एंट्री किसी सूरत में नहीं दी जाएगी. ऐसे सभी इवेंट का डाटा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अपने पास रखेंगे और पूरी दिल्ली का डाटा डिविजनल कमिश्नर के पास रहेगा.

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हर इवेंट जैसे रामलीला/पूजा पंडाल के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. इलाके के डीसीपी भी एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. ये दोनों अधिकारी सरकार द्वारा जारी आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएंगे.

SoP का पालन अनिवार्य

हर इवेंट ऑर्गेनाइजर या समिति को अपने इवेंट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवानी होगी. यह वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू से लेकर आखिर तक रोजाना करानी होगी. इस पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की सॉफ्ट कॉपी भी दिखानी होगी और यह सर्टिफिकेट लेना होगा कि भारत सरकार और दिल्ली सरकार द्वारा जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का उल्लंघन नहीं हो रहा है.

नोडल ऑफिसर वीडियो रिकॉर्डिंग देखेंगे और अगर किसी भी दिशा-निर्देश या स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का उल्लंघन पाया जाएगा तो वह डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डीसीपी को रिपोर्ट भेजेंगे जिसके बाद इवेंट की इजाजत रद्द कर दी जाएगी. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अपनी तरफ से भी सैंपल वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि नियमों का पालन हो रहा है.

हर जिले में जिस इवेंट की इजाजत दी जा रही है उस को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट को इलाके के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डीसीपी साइन करके मुख्य सचिव को भेजेंगे और दिशा-निर्देशों का स्टेटस बताएंगे. त्योहारों के दौरान किसी भी इवेंट में कोई भी व्यक्ति खड़ा हुआ या जमीन पर बैठा हुआ नहीं होगा. केवल कुर्सी पर बैठना होगा और दूरी के नियम का पालन करना होगा. केंद्र सरकार ने 30 सितंबर को त्योहारों के लिए लोगों के जमावड़े आदि पर से रोक 31 अक्टूबर के लिए पहले ही हटा ली है.

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