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झारखंडः बगैर मास्क किसी को घूमने तक नहीं देतीं गांव की धाकड़ लड़कियां, नतीजा- यहां एक भी कोरोना का केस नहीं

झारखंड के धनबाद जिले के दलदली गांव स्थित आदिवासी टोला में आज तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है. इसका कारण ये है कि यहां लड़कियां पहरा देती हैं. बिना मास्क किसी को घूमने नहीं देतीं और दूसरे राज्य से आने वाले को बिना कोरोना जांच के गांव में नहीं आने देती हैं.

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चबूतरे पर बैठकर आने-जाने वालों पर नजर रखती हैं लड़कियां
चबूतरे पर बैठकर आने-जाने वालों पर नजर रखती हैं लड़कियां
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दलदली गांव स्थित आदिवासी टोला की कहानी
  • चबूतरे पर बैठकर पहरा देती हैं लड़कियां

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत राज्य मे लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन का पालन कराने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस को भी सख्ती बरतने का निर्देश दिया है, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जो बिना पुलिस की सख्ती के ही कोरोना मुक्त है.

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हम बात कर रहे हैं धनबाद के बाघमारा प्रखंड के धावाचिता पंचायत के दलदली गांव स्थित आदिवासी टोला की. 600 की आबादी वाले इस आदिवासी टोला में रहने वाले ग्रामीणों का दावा है कि यहां आजतक कोरोना ने दस्तक नहीं दी है. इसके लिए गांव की लड़कियों का इसमें अहम रोल है.

गांव की लड़कियां गांव के प्रवेश द्वार पर पीपल पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर बैठकर कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए  पहरेदारी करती हैं और गांव में हर आने-जाने वालों पर नजर रखती हैं. इस दौरान जब कोई बाहरी व्यक्ति गांव में आता दिखता है तो उसे सबसे पहले ये लड़कियां मास्क लगाने की हिदायत देती हैं और हाथों को सैनेटाइज करवाती हैं. साथ ही उस व्यक्ति को कोरोना जांच के लिए भी कहा जाता है. यही नहीं इस गांव में दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को कोरोना जांच के बाद ही प्रवेश करने देती हैं ये लड़कियां.

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इस संबंध में लड़कियां कहती हैं कि जब सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए इतना कुछ कर रही है तो हम लोगों का भी ये फर्ज बनता है कि सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें और देश को कोरोना मुक्त करें.

वहीं इस काम में लड़कियों को मदद पहुंचा रहे गांव के लड़कों का कहना है कि हम सभी मिलकर अपने गांव को कोरोना महामारी से बचाने के लिए एक मुहिम चला रहे हैं. इस काम में लड़कियों का बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने ये भी कहा कि इस वैश्विक महामारी में यदि हमारे गांव की लड़कियां आज जागरूक नहीं होतीं तो शायद हमारा गांव कोरोना मुक्त नहीं होता.

वैसे तो सरकार महामारी से बचाव के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि इस महामारी में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वालीं इन लड़कियों को देखकर और कितने लोग जगरूक होते हैं. और अपने गांव को कोरोना मुक्त करने में सरकार की मदद करते हैं.

 

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