उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के आरटीपीसीआर के जरिये कोविड-19 के नमूनों की टेस्टिंग में मील का पत्थर साबित हुआ है.
केजीएमयू ने अकेले आरटीपीसीआर सैंपलिंग टेस्टिंग में 5 लाख का आंकड़ा पार कर दिया है. टेस्ट किए गए कुल नमूनों की संख्या 5 लाख 2 हजार 2 सौ 78 तक पहुंच गई है. केजीएमयू कोरोना वायरस से पीड़ित या संधिग्ध मरीजों का टेस्ट शुरू करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली प्रयोगशाला थी. यह देश में कोविड-19 वायरस के नमूनों की टेस्टिंग में उच्च प्रदर्शन करने वाली प्रयोगशालाओं में से एक है.
केजीएमयू स्थित माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड अमिता जैन ने बताया, 'हमारी पूरी टीम दिन रात अथक परिश्रम कर रही है और आगे भी गुणवत्तापूर्ण कार्य जारी रखने के लिए प्रेरित है. हमारे प्रयासों को देशव्यापी मान्यता दी गई है और आईसीएमआर ने केजीएमयू को कोविड-19 वायरस की टेस्टिंग के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में घोषित किया है.'
सबसे ज्यादा RT-PCR के जरिये टेस्टिंग
अमिता जैन ने बताया, 'देश में केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को सबसे ज्यादा RT-PCR के जरिये टेस्टिंग करने वाला प्रयोगशाला माना जाता है. हम उत्तर प्रदेश की सभी कोविड-19 प्रयोगशालाओं के लिए नोडल लैब हैं, और हम एक मात्र राज्य की लैब हैं जो देश के लिए कोविड-19 टेस्टिंग किट को मान्य कर रहे हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यूपी में सभी आरटी पीसीआर प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता लाने के लिए कार्यक्रम चला रहा है, ताकि वह और अच्छे से आरटीपीसीआर की जांच कर सके.'
विभागाध्यक्ष अमिता जैन ने यह भी बताया, 'हम यूपी के सभी प्रयोगशालाओं को किट वितरण के लिए आईसीएमआर की तरफ से राज्य डिपो के तौर पर कार्य कर रहे हैं. केजीएमयू द्वारा की जा रही पूल टेस्टिंग एल्गोरिद्म को आईसीएमआर द्वारा एक सलाह के रूप में जारी किया गया था, जिसका उपयोग देशभर में किया गया.'
टीम को किया गया सम्मानित
वहीं केजीएमयू के वाइस चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपन पुरी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना योद्धा के तौर पर कार्यरत अमिता जैन और उनकी टीम की सराहना की और टीम को बधाई दी. साथ ही डॉ. पुरी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैंपलिंग टेस्टिंग में योगदान दे रही टीम के सभी सदस्यों को अवार्ड और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया.