कोरोना संक्रमण का जल्द पता लगाने और उससे बचाव को लेकर लगातार नए प्रयोग जारी है. इस बीच एक ऐसी पोर्टेबल डिवाइस बनाई गई है जिसकी मदद से ना सिर्फ लार के नमूने से कोरोना संक्रमण का पता लग सकेगा. बल्कि यह एक घंटे में कोरोना के वैरिएंट की भी जानकारी दे देगी. इसे मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिक संस्थान (MIT) और हावर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने मिलकर बनाया है.
MIT इंजिनियर्स का दावा है कि इसके नतीजे RT-PCR टेस्ट जितने ही सटीक होते हैं. इसकी मदद से वायरल म्यूटेशन का भी पता लग सकता है. इसकी मदद से वैरिएंट पर नजर रखनी आसान हो जाएगी. खासकर उन इलाकों में जहां जीनोम सीक्वेंस की सुविधा नहीं है.
फिलहाल शोधकर्ताओं का फोकस इस डिवाइस को FDA जैसे संस्थानों से मंजूरी दिलाने पर है. फिर इसको बड़े पैमाने पर बनाया जाएगा.
बेहद सस्ती है मशीन
मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिक संस्थान (MIT) के प्रोफेसर जेम्स कॉलिन्स ने बताया है कि यह CRISPR तकनीक पर काम करती है. इसमें 3डी-प्रिंटिड पुर्जे हैं और एक मशीन की कीमत सिर्फ 2-15 डॉलर के बीच होगी. यह तय करेगा कि मशीन का ऑर्डर कितना छोटा और बड़ा है.
CRISPR मॉडल पर आधारित SHERLOCK तकनीक के जरिए यह नई नैदानिक मशीन काम करती है. इसे 2017 में बनाया गया था, तब इसका काम RNA सीक्वेंस जांच का था. फिर पिछले साल कॉलिंस ने इस तकनीक की मदद से ही सार्स कोविड वायरस की जांच की.
मशीन कैसे करती है काम
यह मशीन देखने में बेहद छोटी सी है. इसमें ऊपर एक खुला चैंबर है, जिसमें टेस्ट करने वाले को थूक का सैंपल रखना होता है. फिर गरम करने वाला बटन दबाना है और 3-6 मिनट वेट करना है. इतने में थूक फिल्टर पर पूरी तरह फैल जाएगा. फिर इस फिल्टर को उठाकर रिक्शन चैंबर में रखना है. फिर इसे नीचे दबाना है जिससे थूक नीचे मौजूद तीन पाइप में चला जाए. फिर सैंपल पॉजेटिव और नेगेटिव होने पर अलग-अलग लाइट जलेगी.