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बच्चों के लिए वैक्सीन और हेल्थ वर्कर्स को बूस्टर डोज... एक्सपर्ट समेत ये बोले दिग्गज मंत्री

कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए एक अच्छी खबर दी. पिछले काफी दिनों से बच्चों की वैक्सीन और बूस्टर डोज के आने का इंतज़ार किया जा रहा था. पीएम मोदी ने आज इस इंतज़ार को खत्म कर दिया. 

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बच्चों के लिए वैक्सीन का सभी ने स्वागत किया
बच्चों के लिए वैक्सीन का सभी ने स्वागत किया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बच्चों की वैक्सीन का डॉक्टरों ने किया स्वागत
  • नेताओं ने भी इस कदम को बताया सराहनीय

कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए एक अच्छी खबर दी. पिछले काफी दिनों से बच्चों की वैक्सीन और बूस्टर डोज़ के आने का इंतज़ार किया जा रहा था. पीएम मोदी ने आज इस इंतज़ार को खत्म कर दिया. 

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प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि 15-18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन 3 जनवरी 2022 से शुरू कर दिया जाएगा. इससे स्कूल जाने वाले बच्चों को संक्रमण से बचने में मदद मिलेगी. वहीं, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से वैक्सीन की बूस्टर डोज़ दी जाएगी. देश की बुजुर्ग आबादी, जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं, 60 साल की उम्र से ज़्यादा के हैं, उनके लिए डॉक्टरों की सलाह के बाद बूस्टर डोज़ 10 जनवरी 2022 से मिलनी शुरू हो जाएगी.

देश के लिए अच्छा कदम

प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर जसलोक अस्पताल के डॉ. राजेश एम पारिख ने कहा कि वह सरकार के इस फैसले से बहुत खुश हैं. बच्चों को वैक्सीन की ज़रूरत और बूस्टर डोज पर काफी पहले से बोला जा रहा था, जो एक बहुत अच्छा प्रयास है. 

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मेदांता अस्पताल के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहान का कहना है कि पहले 12 से 18 की खबर मिली थी, लेकिन इसे 15-18 कर दिया गया है जो इसका पहला फेज़ है, आने वाले समय में इसे कम उम्र के बच्चों को भी दिया जाएगा. यह वैक्सीन भारत में बनी है. उन्होंने यह भी कहा कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज़ है, जो देश के लिए बहुत अच्छा कदम है.

'बच्चों की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित'

डॉ. त्रेहान ने यह भी कहा कि कोविड और वैक्सीन को लेकर अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. जो भी दवाएं आती हैं, उन्हें वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही लाया जाता है. इससे लोगों का फायदा ही होगा. बच्चों को अगर वैक्सीन दी जाएगी तो वे स्कूल जा सकेंगे जिससे उनका विकास होगा, क्योंकि वे एक लंबे समय से अपने घरों में बंद हैं.उन्होंने यह भी कहा भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का वायरस डेड वायरस है और इतनी वैक्सीन देने के बाद यह साबित भी हो गया है कि ये सुरक्षित है. 

देश में 18 साल से कम उम्र के 41% बच्चे

रेडिक्स के सीएमडी डॉ. रवि मलिक ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि 41 प्रतिशत बच्चे 18 साल के नीचे हैं लगभग 60 करोड़ बच्चे हैं जिन्हें वाक्सीन दी जानी चाहिए. भारत में 15-18 बच्चों को पहले कवर किया जाएगा, इसके बाद ही छोटे बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी. वहीं, बूस्टर डोज़ दिया जाने का फैसला बहुत सही समय पर आया है. 

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उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बहुत आतुर हैं. बच्चों पर कोरोनाका असर कम होता है, लेकिन अगर उन्हें वैक्सीनेट नहीं किया गया तो वे अपने घर में रहने वाले बुजुर्गों को संक्रमित कर सकते हैं, जो काफी गंभीर है. उन्होंने यह भी कहा कि 15-18 साल के बच्चों में वैक्सीन दी जाएगी, लेकिन पहले वे बच्चे वैक्सीन लगवाएं जिन्हें पहले से ही कोई न कोई बीमारी है.

कैंसर रोग विश्षज्ञ डॉ. अंशुमन का कहना है कि यह गुड गवर्नेंस का सही उदाहरण है. 15-18 साल के बच्चों की जनसंख्या ज्यादा है जिन्हें फर्स्ट फेज़ में शामिल किया गया है, बाकी कम उम्र के बच्चों को दूसरे फेज़ में टीका दिया जाएगा. 

इस घोषणा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर कहा कि सावधानी, सजगता और वैक्सीन ही हमें कोरोना के खतरे से दूर रख उसपर विजय दिलवा सकती है.

 

बच्चों की वैक्सीन पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में मज़बूती आएगी.

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार के इस फासले का स्वागत किया है वहीं आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करके उनकी मांगों को सरकार ने पूरा किया इस बात की उन्हें खुशी है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का ये फैसला बेहद सुखद है. साथ ही यह जानकारी भी दी कि दिल्ली में 99 फ़ीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज़ और 70 फ़ीसदी ने दूसरा डोज़ ले लिया है.

 

 

क्रिसमस पर प्रधानमंत्री की यह घोषणा बच्चों के लिए किसी क्रिसमस गिफ्ट से कम नहीं है. देश भर में इस फैसले की सराहना की जा रही है.

 

 

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