कोरोना वैक्सीन महामारी से निपटने के लिए देश में वैक्सीनेशन अभियान जारी है. 1 मार्च से बुजुर्गों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. बड़ी बात यह है कि अब निजी अस्पतालों में भी कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा सकेगी. प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन उन्हीं लोगों को दी जाएगी जो सरकार के नियमों के तहत वैक्सीन पाने के पात्र हैं.
दूसरे चरण में वैक्सीन की डोज लेने वालों के एज ग्रुप को लेकर सरकार ने फेरबदल किए हैं. अब 60 साल के ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना का वैक्सीन दी जाएगी. पहले यह 50 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए थी. केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक दूसरे चरण में 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन्हीं लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी जो पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. ऐसे लोगों को अपनी परेशानी संबंधी कागजात दिखाने होंगे.
प्राइवेट अस्पतालों में देना होगा वैक्सीन का दाम
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्र सरकार ने 20 हजार अस्पतालों को चिन्हित किया है. यहां वैक्सीन लगवानें वालों को वैक्सीन का दाम चुकाना होगा. वहीं केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए वैक्सीन सेंटर्स पर कोरोना वैक्सीन मुफ्त में लगेगी. केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों में प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के दाम तय करेगी.
Sputnik V के ट्रायल को लेकर मांगे गए और आंकड़े
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने Sputnik V के भारत में ट्रायल के लिए डॉक्टर रेड्डी की अपील को फिलहाल मंजूर नहीं किया है.कमेटी का कहना है कि इस संबंध में और ज्यादा आंकड़ों की जरूरत है. वहीं भारत बायोटेक की वैक्सीन का पांच से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की अनुमित को लेकर भी फेज थ्री के ट्रायल के और आंकड़े मुहैया कराने के लिए कहा है.
नए स्ट्रेन पर और स्टडी की जरूरत: गुलेरिया
नए स्ट्रेन को लेकर दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि ऐसा लगता नहीं है कि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन और ज्यादा संक्रामक है या ज्यादा जानलेवा है. हमें इसके बारे में और गहनता से जानकारी जुटाने की जरूरत है. हमें और ज्यादा संक्रामक स्ट्रेन के बारे में नहीं भूलना चाहिए. प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के दामों को लेकर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दाम प्राइवेट अस्पताल में सीरिंज और अन्य संसाधनों को ध्यान में रखकर तय किए जाएंगे जिससे की प्राइवेट अस्पतालों को घाटा ना सहना पड़े और ना ही इनका दुरुपयोग किया जा सके.
वैक्सीन चुनने का विकल्प फिलहाल अस्पष्ट
60 साल से अधिक उम्र के लोगों का ही Co-Win ऐप में डाटा फीड किया जाएगा. देश में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी, 45-50+ की उम्र के लोगों की तुलना में कम है. अस्पताल में दी जाने वाली वैक्सीन कोवैक्सीन या फिर कोविशील्ड होगी. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कोरोना वैक्सीन लेने वालों के सामने दोनों वैक्सीनों में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा या नहीं.
बता दें कि बीते बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया था कि 1 मार्च से बुजुर्गों को भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी जाएगी. पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है. वहीं दूसरे चरण में बुजुर्गों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी. उधर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि मोदी सरकार की कैबिनेट के सभी मंत्री कोरोना वैक्सीन का दाम चुकाने के बाद ही वैक्सीन लगावाएंगे.