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'शुरुआती लक्षण बुखार नहीं, ज्यादा वजन वालों को खतरा', Omicron को ढूंढने वाली डॉक्टर ने दिए 10 सवालों के जवाब

डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने इंडिया टुडे को बताया कि वायरस हर जगह है और बाजार बंद करने से काम नहीं चलेगा. डॉक्टर कोएत्ज़ी ने कहा कि ओमिक्रॉन के हल्के लक्षण वाले रोगियों को भी उपचार की आवश्यकता होती है.

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डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी
डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाजार बंद करने से नहीं रुकेगा ओमिक्रॉन: डॉ कोएत्ज़ी
  • डॉ कोएत्ज़ी ने ही ओमिक्रॉन वैरिएंट का लगाया था पता

दुनिया भर में कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और भारत में भी लगातार पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे पहले इस वैरिएंट का पता लगाने वाली डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे से बात की और लोगों को ओमिक्रॉन वैरिएंट की भयावहता से सावधान किया.

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डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने इंडिया टुडे को बताया कि वायरस हर जगह है और बाजार बंद करने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि ओमिकॉन के हल्के लक्षण वाले रोगियों को भी उपचार की आवश्यकता होती है, भले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता न हो.

बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न (चिंतित करने वाले) करार दिया था.

अब लगातार बढ़ रहे इसके संक्रमण को रोकने के लिए कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं. भारत में क्रिसमस-नए साल की छुट्टियों के दौरान ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.

ऐसे में डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी उन 10 सबसे महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दे रही हैं जो ओमिक्रॉन को लेकर ज्यादातर लोगों के मन में है.

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1. यदि परिवार में एक व्यक्ति संक्रमित है, तो क्या अन्य सुरक्षित हैं?

डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने इंडिया टुडे को बताया कि ओमिक्रॉन की घरेलू संचरण दर अधिक है. डॉ कोएत्ज़ी ने कहा, "यदि सात लोगों के परिवार में एक व्यक्ति इससे पॉजिटिव हो जाता है तो मानकर चलें कि यह अन्य व्यक्ति को भी संक्रमित करेगा.

2. क्या हल्के संक्रमण वाले रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है?

डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने ने कहा कि हल्के लक्षणों वाले मरीजों को भी उपचार की आवश्यकता होती है, भले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता न हो. उन्होंने कहा, " वायरस तेजी से फैल रहा है, गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) में भर्ती अधिकांश कोविड रोगियों का टीकाकरण नहीं हुआ है, जबकि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है उनमें हल्के लक्षण हैं.

3. क्या ओमिक्रॉन दूसरों की तुलना में कुछ लोगों के लिए अधिक खतरा है?

डॉ कोएत्ज़ी ने कहा, वायरल संक्रमण को कम नहीं आंका जा सकता,  "यदि आप अधिक वजन वाले और बिना टीका लिए हुए शख्स हैं तो ओमिक्रॉन आपको परेशान करेगा."

4. ओमिक्रॉन के सामान्य लक्षण क्या हैं?

डॉक्टर ने कहा, "ओमिक्रॉन की शुरुआत मांसपेशियों में दर्द से होती है. इसमें शुरुआती लक्षण खांसी और बुखार नहीं हैं. उन्होंने कहा, "पीठ के निचले हिस्से में दर्द नए लक्षणों में से एक है, खांसी की तुलना में मांसपेशियों में दर्द इसका मुख्य लक्षण है." अन्य लक्षणों में शरीर में दर्द, थकान और सिरदर्द शामिल है.

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5. बाहर जाना कितना सुरक्षित है?

डॉ कोएत्जी ने कहा कि "बाजारों को बंद करने से काम नहीं चलेगा. टीके हमारी रक्षा करते हैं,  हमें वायरस से बचकर रहने की जरूरत है. अगर अस्पतालों में अधिक मरीज दिखाई देते हैं, तो हमें फिर से सख्त कदम उठाने की जरूरत होगी."

6. क्या कोविड और निमोनिया के बीच कोई संबंध है?

डॉ कोएत्जी ने इसके जवाब में कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट ऊपरी सांस लेने की प्रणाली पर हमला करता है. आपको निमोनिया भी हो सकता है, हालांकि इसमें ज्यादातर मामले हल्के पाए गए हैं.

7. क्या मुझे बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए?

डॉक्टर कोएत्ज़ी ने लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक लेने की सलाह दी हैं. उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "भारत को इसे देना चाहिए," 

8. क्या इसमें लॉकडाउन काम करता है?

डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने इसके जवाब में कहा,  "त्योहारी सीजन के बाद मामलों में वृद्धि की आशंका है. लॉकडाउन काम नहीं करेगा. वायरस हर जगह है, अपने सामान्य ज्ञान का प्रयोग करें, बाजार बंद करना काम नहीं आएगा. हमें वायरस के साथ लेकिन उससे बचकर रहने की  जरूरत है.

9. प्रतिबंधों को कब बढ़ाया जाना चाहिए?

डॉ कोएत्ज़ी ने कहा कि जब अस्पतालों में अधिक रोगी पहुंचने लगे तो हमें "फिर से सख्त कदम" उठाने की आवश्यकता होगी.

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10. क्या नए साल के दिन पार्टी करना सुरक्षित है?

डॉ एंजेलिक कोएत्ज़ी ने कहा कि अभी ओमिक्रॉन हल्के तौर पर लोगों को प्रभावित कर रहा है लेकिन आगे चीजें बदल सकती हैं." 

डॉ कोएत्ज़ी ने इंडिया टुडे को बताया कि "दक्षिण अफ्रीका में सेरोपोसिटिविटी दर अधिक है. भारत में भी इसी तरह के ट्रेंड को देखते हुए मामलों में उछाल आ सकता है.

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