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ठीक होने के बाद भी चैन से रहने नहीं दे रहा कोरोना, 40% लोगों में पोस्ट-कोविड दिक्कतें

एआईजी अस्पताल ने एक ऑनलाइन सर्वे किया है. देशभर में किया गया यह सर्वे यह जानने के लिए है कि कितने फीसदी लोगों को पोस्ट-कोविड बीमारियां हैं. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 40% लोगों में पोस्ट-कोविड दिक्कतें
  • सर्वे में हैरान करने वाला दावा
  • तीन करोड़ से अधिक अब तक हुए ठीक

देश में कोरोना (Coronavirus) के तीन करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं, लेकिन कई पोस्ट-कोविड की बीमारियों से जूझ रहे हैं. इन्हीं तरह की दिक्कतों को समझने के लिए देश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक एआईजी अस्पताल ने एक ऑनलाइन सर्वे किया है. देशभर में किया गया यह सर्वे यह जानने के लिए है कि कितने फीसदी लोगों को पोस्ट-कोविड बीमारियां हुई हैं. 

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सर्वे में निकलकर सामने आया है कि कोरोना से ठीक होने वाले 40 फीसदी लोग अभी भी कई तरह की दिक्कतों से जूझ रहे हैं. इनमें से कमजोरी/थकान सबसे ज्यादा लोगों में है. कई लोगों में नींद न आने, न्यूरोसाइकिएट्रिक जैसे नए लक्षणों के भी सामने आने की शिकायतें आ रही हैं.

एआईजी अस्पताल  के अध्यक्ष डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा, ''हम अपने अस्पताल में ऐसे कई पोस्ट-कोविड ​​मरीजों को देख रहे थे, लेकिन इस सर्वे ने हमें इसके बारे में बिल्कुल सही तस्वीर दी है. अगर यह सही संकेत है तो हम यह मान सकते हैं कि कोरोना से ठीक हुए लोगों में से एक करोड़ लोगों में अब भी कुछ लक्षण हैं.'' 

डॉ रेड्डी ने बताया कि हमने अपने सर्वे में इन मरीजों में उनके कोविड इलाज के दौरान स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बारे में भी पूछा और पता चला कि 74 फीसदी अस्पताल में भर्ती मरीजों को स्टेरॉयड दिया गया था, वहीं, 34 फीसदी को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी.

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उन्होंने आगे बताया कि हमारा मानना ​​है कि स्टेरॉयड के तर्कहीन इस्तेमाल और पोस्ट कोविड की दिक्कतों से कुछ संबंध हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार, हमें केवल उन कोरोना मरीजों को स्टेरॉयड देना चाहिए, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होती है. स्टेरॉयड के बारे और पता लगाने के लिए अन्य रिसर्च की जरूरत होगी.''

 

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