देश में कोरोना के बेकाबू हालातों के बीच लोग अक्सर ये सवाल पूछते दिखे दिखे कि कहां है पीएम केयर्स फ़ंड का पैसा जो सरकार ने जमा कराया था. क्यों उसे खर्च नहीं किया जा रहा. तो कल पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि वो पीएम केअर्स फंड्स से 551 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन मेडिकल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट पूरे देश भर में लगाए जाएंगे. आपको याद होगा की पिछले साल भी भारत सरकार ने कहा था की 201 करोड़ 58 लाख रूपयों की मदद से देश भर में 162 आक्सीजन प्लांट लगाएगी लेकिन 18 अप्रैल को जारी किए गए अपने बयान में Union Ministry of Health and Family Welfare ने बताया की देश में अब तक केवल 33 आक्सीजन प्लांट को ही इंस्टाल किया जा सका है. अच्छा अब ऐसा भी नहीं है की देश में ऑक्सीजन का उत्पादन कम मात्रा में हो रहा है बल्कि देश में रोजाना 7,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन इन दिनों हो रहा है. कोविड से पहले भारत की मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन करने की दैनिक क्षमता 6,500 मीट्रिक टन थी जो इस बीच दस प्रतिशत बढ़ गई है. आइनॉक्स एअर प्रोडक्ट्स के डायरेक्टर सिद्धार्थ जैन ने बीबीसी को बताया था कि कोविड से पहले भारत को हर दिन 700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की ज़रूरत होती थी जबकि आज ये दैनिक ज़रूरत बढ़कर करीब 5,000 मीट्रिक टन हो गई है. अब सवाल यहां ये पैदा होता है की जब ज़रूरत भर की ऑक्सीजन देश में ऑक्सीजन पैदा हो ही रही है तो फिर ये अस्पतालों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है तो इसका जवाब है ऑक्सीजन ट्रांस्पोर्टेशन में कमी. अब ऐसे में ऑक्सीजन ट्रांस्पोर्टेशन को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है?
दुनिया भर में अब तक 13 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इस दौरान अब तक लगभग 28 लाख 86 हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है। जहां दुनिया के कई देश अभी कोरोना की दूसरी लहर झेल रहे हैं, वही 22 देशों में अब कोरोना की तीसरी लहर भी दस्तक दे चुकी है. इसमें ब्राजील, फ्रांस, यूक्रेन, रूस जैसे देश भी शामिल हैं. भारत में फिलहाल अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है. जिसके कारण भारत में हेल्थकेयर सेक्टर की हालत भी गंभीर हो गई है. ऑक्सीजन, बेड, वैक्सीन और दवाईयों की कमी से कई लोगों के मौत की खबरें सामने आ रही हैं। रोज आने वाले संक्रमितों का आंकड़ा भी साढ़े तीन लाख के करीब पहुंच गया है. हर रोज़ लगभग 3 हजार लोगों की मौतें भी हो रही हैं. श्मशान और कब्रिस्तान में भी मृतकों को जगह नहीं मिल पा रही है. इस बीच तीसरी लहर की खबर ने लोगों की परेशानियों को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. लोगों में इस बात का डर हो रहा है कि जब कोरोना की दूसरी लहर में ही ये हाल है तो तीसरी लहर में क्या होगा?
कोरोना की तीसरी लहर कितनी खतरनाक है और भारत में इससे बचने के लिए पहले से ही किन-किन उपायों को अपनाना चाहिए?
पश्चिम बंगाल में अब तक छः चरणों का चुनाव हो चुका है. आज यहां सातवें चरण का मतदान शुरू हो गया है। इस दौरान 36 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. यह वो सीटें हैं जिन पर कभी कांग्रेस और लेफ्ट टीएमसी को टक्कर दिया करती थी लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान स्थितियां बदल गई, मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी और टीएमसी के बीच देखा गया. कोरोना की दूसरी लहर के बीच हो रहे इस चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की तरफ से ये स्पष्ट कहा गया है कि चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन बहुत जरूरी है. वहीं नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. राज्य में कोरोना के भयंकर विस्फोट को देखते हुए मतदान अधिकारी की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अब मतदान अधिकारी और पूरी पोलिंग पार्टी को फेसमास्क, फेस शील्ड, हैंड सैनिटाइजर , पीपीई किट्स से लैस रखा जाएगा. पर्याप्त मात्रा में इन सभी चीजों को राज्य में पहुंचाया गया है और मतदान अधिकारियों से इसके इस्तेमाल की अपील भी की गई है। चुनावों के दौरान हिंसा ना हो इसको लेकर भी पूरा प्रबंध किया गया है. तो इस बार के चरण में कौन-कौन सी सीटें अहम हैं?
इन सभी ख़बरों का शॉर्ट एनालिसिस करने के अलावा, देश दुनिया की ख़बरें सुनेंगे, अख़बारों की सुर्ख़ियां जानेंगे और जानेंगे आज की तारीख़ क्यों अहम है. तो सुनिए 'आज का दिन ' अमन गुप्ता के साथ