1 जून 2021 के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ सुनिए नीचे दी गई ख़बरों पर विस्तार से बात, देश-दुनिया की ताज़ा हेडलाइंस, आज के अख़बारों से सुर्ख़ियां और इतिहास में आज के दिन की अहमियत. प्रोग्राम की लिंक सबसे नीचे दी गई है. वहां क्लिक करके आप इसे सुन पाएंगे.
कोरोना महामारी के बीच देश में लोगों को वैक्सीन लगाने का काम तेज़ी से हो उसके लिए अलग अलग स्ट्रेटजी बनाई जा रही है. कैसे वैक्सीन के किल्लत को दूर किया जाए उसके लिए कई देशों से बातचीत चल रही है. सेंटर का प्लान है की जुलाई के बीच तक लगभग 1 करोड़ आबादी को वैक्सीन लगा दिया जाए. अब इसी प्लान को एक बूस्ट देने के लिए सेंटर ने ये तय किया है की लोगों को दो अलग-अलग वैक्सीन के डोज लगाए जाएं. इसके लिए जल्द ही कुछ महीनों में ट्रायल किया जाएगा. इसमें कोवीशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतिनक समेत 8 वैक्सीन को शामिल किया जा सकता है। इसकी पुष्टि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) के तहत काम कर रहे कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा ने की है। उन्होंने कहा कि दो अलग-अलग वैक्सीन के ट्रायल से पता लगाया जाएगा कि क्या इससे इम्यून सिस्टम को और भी ज्यादा बूस्ट किया जा सकता है या नहीं. लेकिन इसमें जो एक चौंकाने वाली खबर है वो ये की doses को मिक्स करने का ट्रायल तो अब भारत में होगा ही साथ ही साथ covisheild की एक डोज कितनी कारगर होगी इस पर भी ट्रायल करने का प्लान किया है सरकार ने. सिंगल डोज अगर सक्सेसफुल होता है तो एक तरह से भारत की आबादी के लिहाज से बहुत अच्छी खबर है. लेकिन अब सवाल है इस सिंगल शॉट का मैकेनिज्म क्या है कैसे एक ही डोज़ इफ़ेक्टिव रह सकता है?
या इसमें कुछ बदलाव करने होंगे?
अगर आपको याद हो तो पिछले साल की ही बात है, जब राजस्थान में सियासी हड़कंप मच गया था। गहलोत सरकार दो फाड़ हो गई थी और सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कहा जाने लगा था की सचिन पायलट भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चल पड़े हैं, लेकिन बाद में जैसे तैसे मामला शांत हुआ. लेकिन अब राजस्थान की तीन सीटों पर संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव और उसके परिणाम के बाद फिर से कांग्रेस के भीतर कलह शुरू हो गई है। राज्य में सचिन पायलट गुट का फिर से सक्रिय हो जाना कांग्रेस की अगुआई वाली अशोक गहलोत सरकार के लिए चिंता का सबब बन गया है। दरअसल, यह पूरा खेल 6 बार विधायक रहे और पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद से शुरू हुआ है। उधर गुजरात में भी नए पार्टी जनरल सेक्रेटरी की तलाश की जा रही है जिसमें कमलनाथ, बीके हरि प्रकाश, मुकुल वासनिक लोगों के नामों के साथ सचिन पायलट के नाम पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अब राजस्थान में फिर से शुरू हो रहे सियासी माहौल से हालात कुछ गड़बड़ नज़र आने लगे हैं.
दुनियाभर की टेलीकॉम कंपनियां अगले कुछ साल में 5-जी नेटवर्क शुरू करने वाली हैं। अब यह अलग बात है कि इसकी शुरुआत होने से पहले ही यह टेक्नोलॉजी विवादों में घिर गई है। पहले इसकी टेस्टिंग की वजह से कोरोना फैलने जैसी फ़र्जी ख़बरें खूब वायरल हुई. मामला कोर्ट भी पहुंचा. अब अभिनेत्री व पर्यावरणविद् जूही चावला ने देश में 5-जी वायरलेस नेटवर्क को लागू करने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। अपनी याचिका में उन्होंने इससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने का मुद्दा उठाया है. तो 5G ट्रायल को लेकर दूरसंचार मिनिस्ट्री या सरकार ने क्या तर्क दिया है? जिन देशों में ये टेक्नोलॉजी पहले से है. वहां से हमारे अनुभव और इस संबंध में रिपोर्ट्स क्या कहती हैं?