भारत में वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू होने से पहले अमेरिका से एक अच्छी खबर मिल सकती है. अमेरिका जल्द ही वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक को हटा सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये खबर दी है. रॉयटर्स के मुताबिक, कच्चे माल के निर्यात को लेकर दोनों देशों के विदेश मंत्री के बीच बातचीत हुई थी. इसके बाद अमेरिका निर्यात पर लगी रोक को हटाने को तैयार हो गया है. अगर ऐसा हो जाता है, तो भारत में ज्यादा मात्रा में वैक्सीन बनाई जा सकती है.
रॉयटर्स ने भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भारत ने निर्यात पर रोक हटाने की अपील की थी, जिसे उन्होंने मान लिया है और जल्द ही निर्यात से रोक हटाई जा सकती है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई थी. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है. हालांकि, दोनों ही सरकारें इस बातचीत को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दे रही हैं.
दरअसल, अमेरिका को अपने यहां वैक्सीन बनाने के लिए कच्चे माल की कमी ना हो, इसके लिए उसने डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट का इस्तेमाल कर कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा दी. लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ने अमेरिका के इस कदम को वैक्सीन शेयरिंग के खिलाफ बताया है. कच्चे माल के निर्यात पर रोक को लेकर सवाल पूछे जाने पर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि वैक्सीन की पहुंच में असमानता पूरी तरह से "अस्वीकार्य" थी. लेकिन उन्होंने अमेरिकी कार्रवाई के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
भारत में इस समय दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन प्रोड्यूसर है, लेकिन कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी है. देश में कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए वैक्सीन की जरूरत है और वैक्सीन के लिए कच्चे माल की. इसलिए सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से ट्वीट कर वैक्सीन के कच्चे माल के निर्यात पर रोक हटाने की अपील की थी.
सीरम ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन कोविशील्ड को बना रही है. इसके अलावा उसके पास अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन भी बनाने का लाइसेंस है. लेकिन बिना कच्चे माल के वैक्सीन बना पाना मुश्किल है.
भारत में 1 मई से वैक्सीनेशन ड्राइव का तीसरा फेज शुरू हो रहा है. इसके तहत 18 साल से ऊपर के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे. अभी तक भारत में 45 साल से ऊपर के लोगों को ही वैक्सीन लगवाने की इजाजत थी. लेकिन अब 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. लेकिन इसके लिए भारत को बड़ी मात्रा में वैक्सीन प्रोड्यूस करने की जरूरत होगी.