कोरोना वायरस के खिलाफ जारी देश में जंग के बीच एक बड़ा झटका लगा है. कोरोना के अलग-अलग रूपों की पहचान करने के लिए केंद्र सरकार ने जिस वैज्ञानिक सलाहकार समिति का गठन किया था, उसके अध्यक्ष सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस इस्तीफे के बाद राजनीतिक टिप्पणियों का सिलसिला भी चल गया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि INSACOG जो कि सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार समिति है, उसके प्रमुख एस. जमील ने इस्तीफा दे दिया. INSACOG ने ही पीएमओ को मार्च की शुरुआत में कोरोना के इंडियन म्यूटेंट के बारे में चेतावनी दी थी.
S Jameel head of INSACOG a govt scientific advisory group quit. INSACOG had warned @PMOIndia in early March about the dangerous Indian mutant but govt paid no heed. Jameel has frankly said that govt didn’t “take science into account”. We’re paying for Modi’s scientific illiteracy https://t.co/TGJpG8LW5x
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 17, 2021
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि सलाहकार समिति की इस सलाह पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, एस. जमील ने भी माना कि सरकार ने विज्ञान को गंभीरता से नहीं लिया है. आज हम मोदी की वैज्ञानिक समझ की कीमत चुका रहे हैं.
आपको बता दें कि ऐसा पहले भी सामने आया था कि वैज्ञानिकों की ओर से मार्च में ही कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी दी गई थी, हालांकि उसपर ध्यान नहीं दिया गया था. इस बीच अब जब कोरोना की दूसरी लहर अपना रौद्र रूप दिखा रही है, तो एस. जमील का इस्तीफा आ गया है जो कई सवाल खड़े करता है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच डॉ. शाहिद जमील को केंद्र सरकार की ओर से अहम जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें SARS-CoV-2 वायरस के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने वाली वैज्ञानिक सलाहकार समिति का प्रमुख बनाया गया था. हालांकि, अभी उनके पद छोड़ने का मुख्य कारण सामने नहीं आया है.