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इंजेक्शन नहीं, ड्रॉप से नाक में डाली जाएगी वैक्सीन, Bharat Biotech की Intranasal Vaccine के बारे में जानें सबकुछ

Corona vaccine: हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल पूरे हो चुके हैं. ये वैक्सीन दो डोज की है. इस वैक्सीन को नाक में ड्रॉप के जरिए दिया जाएगा. इसी साल जनवरी में कंपनी को तीसरे फेज के ट्रायल करने की अनुमति मिली थी. नेजल वैक्सीन को मस्कुलर वैक्सीन से ज्यादा असरदार माना जाता है.

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ट्रायल में नेजल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है. (फाइल फोटो)
ट्रायल में नेजल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है. (फाइल फोटो)

भारतीय फार्मा कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की इंट्रानेजल वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल पूरा हो गया है. कंपनी का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन असरदार साबित हुई है. खास बात ये है कि ये नेजल वैक्सीन है, यानी इसे नाक के जरिए दिया जाएगा. 

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ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसी साल जनवरी में भारत बायोटेक को इस वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल करने की अनुमति दी थी. इसके फेज-1 और फेज-2 के ट्रायल पहले ही पूरे हो चुके हैं. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसन मिलकर बना रही है. 

नाक से दी जाने वाली इस वैक्सीन को अभी BBV154 नाम दिया गया है. सितंबर 2020 में कंपनी ने दावा किया था कि 2022 में इस नेजल वैक्सीन का 100 करोड़ डोज का प्रोडक्शन कर दिया जाएगा. 

दो तरह से हुए हैं ट्रायल?

- भारत बायोटेक ने इस नेजल वैक्सीन का ट्रायल दो तरह से किया है. पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया है. ये ट्रायल देशभर में 14 जगहों पर हुए थे. इसमें इन लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी गई थी.

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- वहीं, दूसरा ट्रायल बूस्टर डोज के तौर पर किया गया था. इसके ट्रायल देशभर में 9 जगहों पर 875 लोगों पर किए गए थे. इसमें उन लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने पहले दो डोज ले लिए थे. उन्हें बूस्टर डोज के तौर पर ये वैक्सीन लगाई गई थी. 

कितनी सेफ है ये वैक्सीन?

- भारत बायोटेक का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है. कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है, जिससे संक्रमण होने और फैलने का खतरा काफी कम है. 

- इस वैक्सीन के पहले फेज के ट्रायल भी ठीक रहे थे. इसमें 18 से 60 साल के लोगों को शामिल किया गया था. नेजल वैक्सीन वॉलेंटियर पर असरदार साबित हुई और कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ. दूसरे फेज के ट्रायल के नतीजे भी सकारात्मक रहे थे.

- भारत बायोटेक ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि तीसरे फेज के ट्रायल पूरे हो गए हैं और वैक्सीन असरदार रही है. कंपनी का कहना है कि ट्रायल डेटा को अप्रूवल के लिए नेशनल रेगुलेटरी अथॉरिटी को भेज दिया गया है. 

क्या खास है इस वैक्सीन में?

- इस वैक्सीन की सबसे बड़ी खास बात ये है कि ये एक नेजल वैक्सीन है, जिसे नाक के जरिए दिया जाएगा. भारत में अभी जितनी वैक्सीन को मंजूरी मिली है, वो सभी इंट्रामस्कुलर हैं, जिसमें बांह में इंजेक्शन के जरिए दवा शरीर में डाली जाती है.

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- नेजल वैक्सीन में इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होगा. इसे ड्रॉप के जरिए नाक में डाला जाएगा. नेजल वैक्सीन को मस्कुलर वैक्सीन से ज्यादा असरदार माना जाता है. उसकी वजह ये है कि मस्कुलर वैक्सीन जब दी जाती है तो वो फेफड़ों को संक्रमण से बचाती है, जबकि नेजल वैक्सीन नाक में ही वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बना देती है, जिससे वायरस शरीर के अंदर नहीं जा पाता. 

नेजल वैक्सीन काम कैसे करती है?

कोरोना समेत ज्यादा वायरस म्युकोसा के जरिए शरीर में जाते हैं. म्युकोसा नाक, फेफड़ों और पाचन तंत्र में पाया जाने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है. नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा में ही इम्युन रिस्पॉन्स पैदा करती है, जबकि मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती. 

कब तक आ जाएगी ये वैक्सीन?

- भारत बायोटेक का कहना है कि इस वैक्सीन को डिलीवर करना और बनाना मस्कुलर वैक्सीन की तुलना में ज्यादा आसान है. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान में स्टोर करके रखा जा सकता है.

- इस वैक्सीन को अभी तक इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है. हालांकि, कंपनी ने प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए तैयारी कर रखी है. 

- कंपनी का कहना है कि गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना समेत कई राज्यों में मैनुफैक्चरिंग प्लांट बना दिए गए हैं. कंपनी का दावा है कि इससे मास वैक्सीनेशन करने में मदद मिलेगी.

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