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'हाइड्रोजन मैन' पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का कोरोना से निधन, ISRO के लिए बना रहे थे सुपर फ्यूल

हाइड्रोजन ऊर्जा और नैनोसाइंस के लिए पूरी देश दुनिया में विख्यात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हो गया. 20 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद उन्हें उपचार के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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प्रोफेसर ओंकारनाथ श्रीवास्तव  को पद्मश्री सम्मान देते पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (फाइल-फोटो)
प्रोफेसर ओंकारनाथ श्रीवास्तव को पद्मश्री सम्मान देते पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी (फाइल-फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ISRO के लिए बना रहे थे सुपर फ्यूल
  • 20 अप्रैल को आए थे कोरोना की चपेट में 
  • राजा हरिश्चंद्र घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

हाइड्रोजन ऊर्जा और नैनोसाइंस के लिए पूरी देश दुनिया में विख्यात बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर पद्मश्री ओंकारनाथ श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हो गया. 20 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद उन्हें उपचार के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार सुबह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. 

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बीएचयू के विख्यात भौतिक विज्ञानी ओंकारनाथ श्रीवास्तव 20 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताया गया है कि बीते दिन सुबह से ही उन्हें सांस लेने में दिक्क्त हो रही थी, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उन्होंने दम तोड़ दिया. रविवार को राजकीय सम्मान के साथ वाराणसी के राजा हरिश्चंद्र घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. 

फिलहाल वे बीएचयू के भौतिकी विभाग में प्रोफेसर के पद पर तैनात थे. विज्ञान के क्षेत्र में दुर्लभ योगदान देने के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च शांति सवरूप भटनागर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम 2013 में अपने बीएचयू दौरे में प्रो. श्रीवास्तव की लैब को देखने पहुंचे थे. वहीं मिसाइलमैन ने हाइड्रोजेन मैन से उनके द्वारा बनाई गई हाइड्रोजन कार व वाहनों की जानकारी ली थी, जिसके बाद प्रोफेसर श्रीवास्तव सुर्खियों में आए थे. 

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हाल में प्रोफेसर श्रीवास्तव इसरो को सबसे ताकतवर सुपर फ्यूल स्टोरेज भेजने की तैयारी कर रहे थे. इसे सबसे ताकतवर सुपर फ्यूल स्टोरेज बताया जा रहा है. इस सुपर फ्यूल स्टोरेज में इंधन का भंडारण कार्बन एरोजेल के रूप में होता है, जोकि रॉकेट में इस्तेमाल होने वाले लिक्विड हाइड्रोजन को सोख कर स्टोर करता है. इस टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष मिशन में लंबी दूरी के रॉकेट की रफ्तार और ताकत में कई गुना इजाफे का दावा किया गया था.

 

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