scorecardresearch
 

बिहार: कोरोना के कोहराम को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने फैसला लेने में क्यों की देरी?

कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन नीतीश सरकार इस बार हर निर्णय लेने में देरी करती रही. माना जा रहा है कि सरकार द्वारा देरी से लिए गए निर्णयों के कारण राज्य में कोरोना केसों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.  

Advertisement
X
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले 
  • रात 9 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू
  • शादियों में सिर्फ 100 लोग हो सकेंगे शामिल 

बिहार में कोरोना कहर जारी है. नीतीश सरकार ने मैराथन बैठक के बाद जो निर्णय लिए, उसे दूसरे राज्य सप्ताह भर पहले ही लागू कर चुके थे. वहीं नीतीश सरकार इन निर्णयों को अमल में लाने में देर करती रही. निर्णय लेने के इस दौर में कोरोना एक्टिव केसों की संख्या भी तेजी से बढ़ गई. 

Advertisement

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 9 अप्रैल को कुछ पाबंदिया लगाई थीं. 18 अप्रैल तक स्कूल कॉलेज बंद किए, 30 अप्रैल तक धार्मिक स्थलों को बंद किया और बाजार 7 बजे तक बंद करने का आदेश दिया. नतीजा क्या निकला, इस पर गौर करें तो 9 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव के 2174 नए मामले सामने आये थे और जब रविवार को कुछ और पाबंदियों का ऐलान किया गया, तब तक कोरोना पॉजिटिव केस 8690 हो गए. यानि इस निर्णय काल में बिहार में कोरोना पॉजिटिव की संख्या चार गुना बढ़ गई.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक के बाद वो निर्णय लेंगे. 17 अप्रैल को राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. सभी पार्टियों ने अपने विचार रखे. आरजेडी की तरफ से तेजस्वी यादव ने 30 सुझाव रखे. सभी पार्टियों ने अपने-अपने सुझाव दिए. रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबह 11.30 से सभी जिलों के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की. ये बैठक 6 घंटे से ज्यादा चली. उसके बाद क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक हुई, इसके बाद जो निर्णय आया उस पर चर्चा ये है कि सरकार कोरोना से कम विपक्ष को संतुष्ट करने में ज्यादा वक्त लगा रही है, ताकि उसे आलोचना न सहनी पड़े. 

Advertisement

सरकार ने जो निर्णय लिए है उस पर गौर करें तो स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान जो पहले 18 अप्रैल तक बंद थे उसे बढ़ाकर 15 मई कर दिया है. धार्मिक संस्था जो पहले 30 अप्रैल तक बंद किए गए, उनका समय बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है. बाजार जो पहले 7 बजे बंद होते थे, अब 6 बजे बंद होंगे. जाहिर है इसके लिए कार्यालय अब 5 बजे तक ही चल पाएंगे. शादियों में पहले 200 लोग शामिल हो सकते थे, अब उसे घटाकर 100 कर दिया गया है. अंतिम संस्कार में पहले 50 लोगों की संख्या को घटा कर 25 कर दिया गया है.

नई पाबंदियों में सिनेमा हॉल, जिम और पार्क बंद कर दिए गए हैं. जनता ने खुद इन जगहों पर जाना बंद कर दिया है. सरकार ने रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू के रूप में एक नया निर्णय जरूर लिया है, जो कि कई राज्यों में पहले लागू है. इसका खास फायदा उन राज्यों को नहीं हुआ हैं. इसलिए कई राज्यों के शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा.

नहीं होगी दवा की कमी 

नीतीश सरकार ने कहा है कि ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं होगी. सभी का बेहतर इलाज होगा. सबसे बड़ी बात है कि कोरोना का यह अटैक पहली बार नहीं हुआ है. पिछले साल भी इसे झेल चुके हैं. हां ये जरूर है कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार कोरोना ज्यादा खतरनाक रूप लेकर आया है. 

Advertisement

तेजी से बढ़ रहा संक्रमण 

8 मार्च तक बिहार का रिकवरी रेट 99.30 था और कोरोना के पॉजिटिव मरीज मात्र 289 थे, लेकिन पिछले 40 दिनों में यह आंकड़ा 45 हजार को पार कर गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार के कोरोना संक्रमण की ग्रोथ कितनी तेज है. बता दें पिछले साल जब नीतीश कुमार ने कुछ निर्णय लिए थे, तो उन पर विपक्ष ने काफी हो हल्ला किया था, जिसका नुकसान नीतीश कुमार को चुनाव में उठाना पड़ा था.

 

Advertisement
Advertisement