पंजाब में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में पाबंदी 10 अप्रैल तक बढ़ा दी है. पंजाब में पहले 31 मार्च तक सख्ती लागू थी. अब यही सख्ती 10 अप्रैल तक लागू रहेगी. उसके बाद दोबारा रिव्यू किया जाएगा और सख्ती बढ़ाने या कम करने पर फैसला लिया जाएगा. मंगलवार को राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कोरोना को काबू करने के लिए कई अहम आदेश दिए हैं. उनका सबसे ज्यादा फोकस टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाने पर रहा.
पंजाब के लिए चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि अब यहां मरीजों में यूके वैरिएंट मिल रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब सरकार ने 401 सैम्पल्स भेजे थे, जिनमें से 326 में यूके वैरिएंट पाया गया. यूके वैरिएंट को आम वैरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलने वाला माना जाता है.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बैठक में अधिकारियों से भीड़भाड़ वाले इलाकों और बाजारों में टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश दिए हैं. साथ ही ऐसी जगहों की पहचान करने को भी कहा है जहां मोबाइल वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जा सकें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके. पटियाला की नाभा ओपन जेल में 40 महिला कैदियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने जेल में भी वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करने के आदेश दिए हैं.
सीएम के सामने पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 6 अप्रैल के आसपास पीक आने की आशंका है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मई के आखिर में मामलों में कमी आ सकती है. साथ ही ये भी कहा गया है कि अब 40 साल या उससे कम उम्र के लोगों में कोरोना फैलने की ज्यादा आशंका है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग का टारगेट बढ़ाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अब रोजाना 35 हजार से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जाने की जरूरत है.
पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में अब तक कोरोना के 2,34,602 मामले सामने आ चुके हैं. 2,03,710 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 6,749 लोगों की मौत हुई है. पंजाब में फिलहाल 24,143 एक्टिव केस हैं.