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कोरोना से तबाही के बीच चीन का बड़ा फैसला, विदेशी यात्रियों के लिए खत्म किया क्वारंटाइन

कोरोना के कहर के बीच चीन ने चौंकाने वाला फैसला लिया है. देश में एक ओर जहां कोविड के केस बढ़ते जा रहे हैं, वहीं चीन पाबंदियां खत्म करता जा रहा है. लिहाजा चीन ने विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म कर दी है.

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चीन ने कोरोना के कहर के बीच विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म की (फाइल फोटो)
चीन ने कोरोना के कहर के बीच विदेशी यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की अनिवार्यता खत्म की (फाइल फोटो)

कोरोना संक्रमण चीन में तबाही मचा रहा है. बीजिंग, शंघाई समेत देश के कई हिस्सों में कोविड के मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. लेकिन चीन कोरोना की पाबंदियों को खत्म करता जा रहा है. मसलन, चीन ने आज (रविवार) से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए क्वारंटाइन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग रहने के तीन साल बाद चीन ने ये फैसला लिया है. ये डिसीजन ऐसे समय लिया गया है जब देश में कोरोना के केसों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है.

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चीन अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को भी फिर से खोलने का ऐलान किया है. दरअसल, हेल्थ अथॉरिटी ने हाल ही में कहा था कि चीन के कोविड-19 मैनेजमेंट में आठ जनवरी से ढील दी जाएगी. इसे कैटेगरी ए से डाउनग्रेड कर कैटेगरी ए कर दिया जाएगा. हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि इसका प्रकोप कम हो गया है और यह धीरे-धीरे सामान्य श्वास संक्रमण के रूप में ढल रहा है. 

चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खत्म होने के बाद कोरोना के केसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि बीते कुछ सालों से लगे इन कड़े कोरोना प्रतिबंधों से देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इस वजह से देश में शी जिनपिंग सरकार को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा है. इसे देखते हुए चीन ने पिछले महीने जीरो कोविड पॉलिसी को वापस लेना पड़ा था.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में कोरोना को लेकर लोगों में लापरवाही का आलम ये है कि जब पिछले साल के अंत में अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को फिर से खोलने का ऐलान किया तो चीनी लोग विदेश यात्रा की योजना बनाने लगे. क्योकि स्थानीय लोगों ने ट्रैवल वेबसाइट्स पर पूछताछ करनी शुरू कर दी थी. 

चीन में कोरोना महामारी के जारी कहर को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन कुछ प्राकृतिक नियमों के खिलाफ जाकर खड़ा हो गया. जैसे कि जीरो कोविड पॉलिसी. तमाम वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस अंत में तभी थमेगा जब एक हद तक आबादी उससे संक्रमित हो गई हो लेकिन चीन जीरो कोविड पॉलिसी पर अड़ा रहा.

साल 2022 की शुरुआत में जब अधिकतर देश नियमों को ढीला कर जिंदगी का सामान्य करने की कोशिश कर रहे थे, उस समय चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दी. दरअसल कोरोना के मामले में अधिकतर देशों ने यह मान लिया है कि अब उन्हें इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा. लेकिन चीनी सरकार इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती थी.

जब चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी को हटाया तो देशभर में केस बढ़ने लगे. अस्पतालों में हालात बिगड़ गए. श्मशान घाटों पर लंबी वेटिंग का सिलसिला शुरू होगा. इसी बीच नेशनल हेल्थ कमेटी ने ऐलान किया था कि चीन आठ जनवरी से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए क्वारंटीन की अनिवार्यता खत्म कर देगा. अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 मैनेजमेंट को ए श्रेणी से बी श्रेणी में डाउनग्रेड कर दिया जाएगा. उनका तर्क था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा स्ट्रेन से ज्यादा घातक नहीं है.

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