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कोरोना वायरस: हालात का जायजा लेने नोएडा पहुंचे सीएम योगी, अफसरों को लगाई फटकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था को लेकर गौतमबुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह, सीएमओ अनुराग भार्गव को मीटिंग में जमकर फटकारा.

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कोरोना वायरस: नोएडा पहुंचे थे सीएम योगी (फाइल फोटो-PTI)
कोरोना वायरस: नोएडा पहुंचे थे सीएम योगी (फाइल फोटो-PTI)

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  • एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नाराज नजर आए
  • सीजफायर कंपनी की तालाबंदी नहीं करने पर हुए नाराज
  • डीएम बीएन सिंह व सीएमओ अनुराग भार्गव को फटकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस से निपटने के प्रयास के बीच सोमवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ग्रेटर नोएडा में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नाराज नजर आए और अफसरों को जमकर फटकारा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था को लेकर गौतमबुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह, सीएमओ अनुराग भार्गव को मीटिंग में जमकर फटकारा. बताया जा रहा है कि सीजफायर कंपनी की तालाबंदी नहीं करने पर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री ने फटकार लगाई.

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मुख्यमंत्री सीजफायर कंपनी पर कार्रवाई न होने से नाराज थे. उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि वे दो महीने से क्या कर रहे थे? कंट्रोल रूम के सही से काम न करने पर भी मुख्यमंत्री नाराज दिखे और अफसरों को फटकार लगाई. बता दें कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में अभी तक कोरोना पॉजिटिव के सबसे ज्यादा केस मिले हैं.

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सीजफायर कंपनी का क्या है मामला

असल में नोएडा चीफ मेडिकल (CMO) ऑफिसर ने सीजफायर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया था कि सीजफायर कंपनी में विदेश से कई व्यक्तियों के आने की वजह से नोएडा के कई सेक्टरों में कोरोना का संक्रमण फैला और फिर महामारी फैल गई. इसलिए कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जाए. इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है.

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कोविड-19 महामारी को लेकर जिला प्रशासन ने संक्रमण को फैलाने पर एक कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि कंपनी के प्रबंध निदेशक 1 मार्च को ब्रिटेन से लौटे थे जबकि 7 मार्च को उसी कंपनी के स्टॉफ ऑफिसर लौटे थे.

विदेशी ऑडिटर ने कंपनी का ऑडिट किया था. लेकिन कंपनी ने ये सारी बातें छिपाई थीं. इसी कंपनी और उनकी फैमिली के 13 लोगों में संक्रमण हुआ था. ये सब जानकारी स्वास्थ्य विभाग से छिपाने के कारण जिला अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे.

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