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मास्क के नाम पर सिविल डिफेंस वॉलंटियर दिल्ली वालों से कर रहे हैं वसूली- कांग्रेस

कांग्रेस ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के सिविल डिफेंस वॉलंटियर, दिल्ली पुलिस के साथ मिलीभगत करके जनता से पैसे लूट रहे हैं. साजिश के तहत मास्क की चालान राशि 2000 रुपये रखी गई है. इसलिए बढ़ी चालान राशि की जगह छोटी रकम घूस के रुप में वसूल की जा रही है.

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दिल्ली कांग्रेस ने मास्क के नाम पर वसूली का लगाया आरोप
दिल्ली कांग्रेस ने मास्क के नाम पर वसूली का लगाया आरोप
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस ने दिल्ली सरकार पर लगाया घूस का आरोप
  • सिविल डिफेंस वॉलंटियर मास्क न होने पर पैसे वसूल रहे
  • दिल्ली में सभी को फ्री मास्क और सैनिटाइजर दिया जाए
  • चालान की राशि कम की जाए

बीजेपी के बाद अब दिल्ली कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार के सिविल डिफेंस वॉलंटियर, दिल्ली पुलिस के साथ मिलीभगत करके जनता से पैसे लूट रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि साजिश के तहत मास्क के चालान का जुर्माना 2000 रुपये रखा गया है. इसलिए बड़े चालान की राशि की जगह छोटी रकम घूस के रुप में वसूल की जा रही है.

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कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली 'सिविल डिफेंस वॉलंटियर' को मास्क न लगाने पर चालान जारी करने का अधिकार नही है, परंतु यह गैर कानूनी काम आम आदमी पार्टी द्वारा नियुक्त किए वॉलंटियर खुले आम कर रहे हैं.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले नई दिल्ली क्षेत्र में तीन सिविल डिफेंस वॉलंटियर नकली चालान करते हुए पकड़े गए, जिनकी गिरफ्तारी हो चुकी है.

अनिल कुमार ने कहा कि आप पार्टी के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सरकार की विफलता के चलते दिल्ली में कल 5506 संक्रमित मामले सामने आए, जो दिल्ली के लिए खतरे की घंटी है. दिल्ली सरकार कोरोना संक्रमण के मामलों पर नियंत्रण पाने में पूरी असहाय हो गई है.

कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार को टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट पर जोर देते हुए लोगों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. और सभी को मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराना चाहिए.

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अनिल कुमार ने ये भी मांग की है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चालान की राशि को कम करें और दिल्ली वासियों के लिए जन-जागरण अभियान चलाकर निशुल्क मास्क वितरण करें.

उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार की वैक्सीनेशन की कमजोर व्यवस्था इससे साफ उजागर होती है कि दिल्ली में अभी तक केवल 30 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों को ही वैक्सीन की पूरी डोज लगी है. वहीं मात्र 41 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों और 22 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्करों को ही वैक्सीन की पूरी डोज मिल सकी है. वहीं पूरी दिल्ली की आबादी के हिसाब से केवल 7.5 प्रतिशत जनता को ही वैक्सीन की पहली डोज और 1.5 प्रतिशत को दूसरी डोज लग पाई है.

 

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