कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को सितंबर 2020 तक सरकार मुफ्त अनाज मुहैया कराए. सोनिया गांधी ने अपील की है कि जो गरीब खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं उन्हें भी सरकार सितंबर तक अनाज उपलब्ध कराए. इस वक्त नरेंद्र मोदी सरकार ने जून महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है.
सोनिया गांधी ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अप्रैल से जून तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त मुफ्त अनाज देने का फैसला प्रशंसनीय है. लेकिन लॉकडाउन की असर और इसके लंबे प्रभाव की वजह से वे सरकार को कुछ सुझाव देना चाहती हैं.
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सितंबर तक गरीबों को मिले मुफ्त अनाज
सोनिया ने कहा कि सबसे पहले तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभुकों को 10 किलो प्रति व्यक्ति अनाज देने की समय सीमा को 3 महीने के लिए और यानी कि सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया जाना चाहिए. सोनिया ने कहा कि गरीबों के सामने मौजूद आर्थिक दुश्वारी को देखते हुए सरकार चाहे तो उन्हें मुफ्त अनाज दे सकती है.
Congress President Smt. Sonia Gandhi writes to PM Modi suggesting measures to ensure food security for people affected by the lockdown & impact of COVID-19. pic.twitter.com/euYtgQ9cwE
— Congress (@INCIndia) April 13, 2020
बिना राशन कार्ड वालों को भी मिले अनाज
अपने दूसरे सुझाव में सोनिया गांधी ने कहा है कि कई ऐसे लोग है तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं आते हैं, ऐसे लोगों को प्रति व्यक्ति 10 अनाज के हिसाब से अगले 6 महीने तक मुफ्त अनाज दिया जाना चाहिए. सोनिया ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिनके सामने भोजन की चिंता है, लेकिन उनके पास राशन कार्ड नहीं है.
सोनिया ने कहा कि प्रवासी मजदूर जो कि अपने राज्यों से दूर हैं, हो सकता है कि उन्हें खाद्यान्न की समस्या आ रही हो, इसके अलावा कई गरीब लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं.
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कोरोना संक्रमण का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मौजूदा संकट की वजह से कई ऐसे लोगों के सामने भी खाने-पीने का संकट पैदा हो गया है, जो पहले इसे स्वयं हासिल करने में सक्षम थे. सोनिया ने कहा कि 2011 के बाद आबादी में लगातार बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राज्यों का कोटा इसमें बढ़ाया नहीं गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि गरीबों को अनाज देने से फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को रबी की फसल को स्टोर करने के लिए पर्याप्त जगह भी मिल सकेगा.