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UP: देवरिया के इस गांव में कोरोना की दहशत, 20 दिन में हुई 15 मौतें

कोरोना की दूसरी लहर से ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत है. यूपी के देवरिया में गांव के लोग डरे हुए हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खासी, बुखार, जुखाम के साथ लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है. लोग जान भी गवां रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि ये मौतें कोरोना की वजह से हैं, या कारण कुछ और ही है. 

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कोरोना से गांव में दहशत
कोरोना से गांव में दहशत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीपीई किट में बंद तीन लाशें पहुंची गांव
  • खासी, बुखार व सांस लेने में थी परेशानी
  • मौतों का कारण नहीं किया जा रहा स्पष्ट

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में बरहज तहसील के बारा दीक्षित गांव में 20 दिन के भीतर 15 लोगों की मौत से दहशत है. मरने वाले इन सभी ग्रामीणों को बुखार, खांसी और सांस फूलने की समस्या थी. किसी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा, तो किसी ने ऑक्सीजन के आभाव में. स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आने से गांव वाले खासे नाराज हैं. ग्राम प्रधान की मानें तो तीन शव तो पीपीई किट में एंबुलेंस से गांव में आए थे. मृतकों में 50 से 70 वर्ष के लोग भी हैं और कुछ 30 से 50 के बीच के भी.

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ग्राम प्रधान के मुताबिक उनके चाचा की भी सांस फूलने की वजह से मौत हुई है. जब आज तक की टीम गांव प्रधान के घर पहुंची, तो पता चला कि उनके चाचा राम प्यारे दीक्षित का ब्रम्हभोज था. ग्राम प्रधान ने बताया कि इतनी मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मी न टेस्ट करने आया और न हीं जानकारी लेने की आखिर किन वजहों से यह मौतें हो रही हैं. एक और मृतक नारायण प्रजापति के भतीजे का कहना है कि वह अपने बड़े पिताजी को जिला अस्पताल ले गए, ऑक्सिजन नहीं मिली, घर लेकर वापस आए फिर एक घंटे के अंदर उनकी मौत हो गई. वहीं सदानन्द का कहना था कि अस्पताल में उसकी मां लाची देवी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. 

कमोबेश यही हाल सभी मृतकों का रहा है. कुछ मृतकों के नाम इस प्रकार हैं लाची देवी, राम प्यारे दीक्षित, चंद्रमोहन दीक्षित, बुद्धि सागर शुक्ला, अशोक, अनिल, सुभाष सोनकर, नारायण, राम विश्वास, अभिमन्यु गुप्ता, शिवचन हैं. मृतकों में 50 से 70 वर्ष और कुछ की उम्र 35 से 50 के बीच है.

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ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि गांव में अब तक 15 मौतें हो चुकी हैं. पूरे गांव में भय का माहौल है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक गांव में नहीं आई है और नाहीं किसी का टेस्ट हुआ है. ग्राम प्रधान ने मांग की है कि इन मौतों का कारण स्पष्ट किया जाए, साथ ही गांव में टेस्ट की व्यवस्था भी की जाए. 


बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोविड से 156 मौतें अब तक जिले में हो चुकी हैं. रोजाना तीन से चार मौतें सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी भी हो रही हैं, लेकिन जो लाशें जली हैं, एक महीने में वह केवल एक श्मशान घाट का आंकड़ा 950 है, जबकि इससे भी बड़े श्मशान घाट दो और हैं, जहां भारी संख्या में अंत्येष्टि हुई है, जिनका रिकार्ड मेंटेन नहीं होता है. केवल देवरिया नगर पालिका परिषद में 105 मृत्यु प्रमाण पत्र 15 अप्रैल से 15 मई के बीच बने हैं, जबकि जिले में बरहज नगर पालिका और नौ नगर पंचायतें भी हैं, जिनका रिकॉर्ड अभी मिलना बाकी है.

 

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