भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है. कंपनी ने कोविड-19 के टीके के लिए ICMR के साथ भागीदारी की है. इस टीके का तीसरे चरण का परीक्षण सोमवार से शुरू हो गया है.
भारत बायोटेक दुनिया की एकमात्र वैक्सीन कंपनी है, जिसके पास जैव सुरक्षा स्तर-3 (BSL3) उत्पादन सुविधा है. पिछले महीने कंपनी ने कहा था कि उसने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वो 26,000 भागीदारों पर तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने जा रही है. इसको लेकर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया गया है.
Phase 3 clinical trial of COVAXIN™️ takes off as the largest efficacy trial ever conducted in India, with about 26,000 participants. pic.twitter.com/qyCkoOkUl9
— BharatBiotech (@BharatBiotech) November 16, 2020
बताया जा रहा है कि कंपनी ने दो अक्टूबर को भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए अनुमति मांगी थी. वहीं, कंपनी कोरोना संक्रमण की काट के लिए एक और वैक्सीन पर काम कर रही है. यह नाक के जरिए दी जाने वाली ड्रॉप के रूप में होगी. यह वैक्सीन अगले साल तक तैयार हो जाएगी.
अमेरिकी कंपनी ने भी किया था दावा
हाल ही में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया था कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा के आधार पर कंपनी ने ये दावा किया. एक हफ्ते के भीतर वैक्सीन के शानदार प्रदर्शन का दावा करने वाली मॉडर्ना दूसरी अमेरिकी कंपनी है.
इससे पहले फाइजर कंपनी ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी साबित हुई है. दोनों ही वैक्सीन की सफलता का जो दावा किया जा रहा है वह उम्मीद से कहीं अधिक है. ज्यादातर एक्सपर्ट वैक्सीन के 50 से 60 फीसदी तक सफल होने की उम्मीद करते रहे हैं.