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कोविड से मरे लोगों के परिवार को मुआवजे पर क्या है विवाद, क्या हैं नियम?

कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के मसला अभी भी जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है, जबकि केंद्र की ओर से जवाब दिया जा चुका है.

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कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजे पर दायर की गई थी याचिका (फाइल फोटो: PTI)
कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजे पर दायर की गई थी याचिका (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजे का मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला अभी सुरक्षित रखा है

कोरोना वायरस महामारी से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जबकि केंद्र सरकार ने मुआवजे देने पर असहमति जताई है. ऐसे में इस तरह के संकट के दौरान मुआवजे को लेकर नियम क्या कहते हैं, इसपर एक नज़र डाल लीजिए...

किस आधार पर मिलता है मुआवजा?
केंद्र सरकार ने पिछले साल कोरोना वायरस महामारी को आपदा मैनेजमेंट एक्ट के तहत आपदा घोषित किया था. इसके सेक्शन 12 (iii) में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा आपदा से प्रभावित व्यक्ति को मिलने वाली मदद को लेकर गाइडलाइन्स तय करनी चाहिए, इसमें किसी मृत के परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि भी शामिल है. 

केंद्र की ओर से इसे वक्त-वक्त पर बदला जाता रहा है. 8 अप्रैल, 2015 को गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को चिट्ठी लिख कहा था कि किसी आपदा में मृत व्यक्ति के परिजन को मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपये की राशि दी जाए. 

कोरोना से जुड़े मुआवजे पर क्या नियम?
साल 2020 के मार्च में गृह मंत्रालय ने राज्यों को सूचित किया कि केंद्र ने कोरोना को एक आपदा माना है. इसके साथ ही मैनेजमेंट एक्ट में कुछ चीज़ें जोड़ी गईं, हालांकि इसमें मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की बात नहीं कही गई. 

आंकड़ों के अनुसार, भारत में मंगलवार (22 जून) तक कोरोना से करीब 3.89 लाख मौतें हुई हैं, अगर चार लाख रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है तो कुल 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा. कुछ राज्य सरकारों ने कोरोना से मरे व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने की बात कही है, लेकिन ये सभी पर लागू नहीं हुआ है. 

उदाहरण के तौर पर दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से जिन लोगों की मौत हुई, उनके परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता देने की बात कही, वहीं कोरोना से मरे व्यक्ति के परिजन को पचास हजार देने की बात कही. 

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सरकार ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में मुआवजे को लेकर जो याचिका दायर की गई, उसपर केंद्र की ओर से जवाब दिया गया कि ऐसा करना संभव नहीं है. अगर ऐसा किया गया तो डिजास्टर रिलीफ फंड की सारी राशि इसी में चली जाएगी, ऐसे में राज्यों के पास पैसे की कमी हो जाएगी. सरकार ने कहा कि कोरोना काल में वैसे ही केंद्र और राज्य सरकारों की कमाई पर फर्क पड़ा है, इस दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च बढ़ा है. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में भी कहा था कि केंद्र ने कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की कोई स्कीम आगे नहीं बढ़ाई है. 

बता दें कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से कोरोना संकट के वक्त मजदूरों पर आई मुश्किलों के लिए 1000 करोड़ रुपये दिए गए थे. NDMA में ये पैसे पीएम केअर्स की ओर से डाले गए थे. ऐसे में अब भी हर किसी की नजरें इस बात पर हैं कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्या फैसला दिया जाता है. 

(इनपुट: इंडियन एक्सप्रेस)

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