शिवसेना ने केंद्र सरकार से कोरोना कंट्रोल के लिए इजराइल मॉडल अपनाने की अपील की है. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पांच सुझाव पर ही अमल करने की मांग की है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, 'इजराइल ने व्यर्थ राजनीति, थाली और ताली बजाकर कोरोना भगाने की व्यर्थ ड्रामेबाजी को स्थान नहीं दिया, इसलिए वह कोरोना मुक्त हो गया.'
शिवसेना ने कहा, 'कोरोनामुक्त होने की घोषणा करने वाला इजराइल दुनिया का पहला देश बन गया है, इजराइल ने देश को कोरोना मुक्त करने के लिए क्या किया? उन्होंने संपूर्ण टीकाकरण तो किया ही परंतु नियम और पाबंदियों को सख्ती से अमल में भी लाया. व्यर्थ राजनीति, थाली और ताली बजाकर कोरोना भगाने की व्यर्थ ड्रामेबाजी को स्थान नहीं दिया.'
शिवसेना ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी को भी मनमोहन सिंह ने कुछ सुझाव दिए हैं. कोरोना काल में सरकार कितनी वैक्सीन कंपनियों से ले रही है इसे सार्वजनिक किया जाए, किस कंपनी से कितनी वैक्सीन ली गई, किस कंपनी को कितने वैक्सीन का ऑर्डर दिया गया ये लोगों को पता चलना चाहिए.'
शिवसेना ने कहा, 'मनमोहन सिंह ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए आवश्यक लाइसेंस कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाना चाहिए, जिससे अन्य कंपनियां भी वैक्सीन का निर्माण कर सकेंगी, कंपनियों के उत्पादन में सहयोग मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री को फंड तथा अन्य सुविधाएं देनी चाहिए.'
केंद्र से शिवसेना ने पूछा, 'इजराइल ने जो किया, वह मोदी अपने देश में क्यों नहीं कर सके? कोरोना भगाने के लिए और वहां के सफेद कपड़ेवाले देवदूतों को बल प्रदान करने के लिए इजराइल के शासकों ने थाली बजाने जैसा व्यर्थ उत्सव नहीं मनाया, जो ‘प्रैक्टिकल’ है, वही किया, इजराइल में कोई भी उत्सव मनाए बगैर सार्वजनिक तौर पर वैक्सीनेशन किया गया.'
शिवसेना ने कहा, 'मनमोहन द्वारा सुझाए गए पांच बिंदुओं को नजरअंदाज करना चलेगा नहीं. मनमोहन सिंह का मार्गदर्शन राष्ट्रहित के लिए ही है, उसमें राहुल गांधी ने भी योगदान दिया है. बढ़ते कोरोना की पार्श्वभूमि में राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक सभा रद्द की ये भी कोरोना नियंत्रित करने के लिए एक साहसिक मार्ग है.'