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COVID-19 Vaccination: कोरोना से जंग में बना रिकॉर्ड, एक करोड़ बच्चों को लगी डोज, जानें दूसरे टीकों का इंतजार कब होगा खत्म

कोविड संकट के बीच राहत की खबर ये है कि महज तीन दिन में ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा एक करोड़ पार हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है क युद्ध स्तर पर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 जनवरी से हुई बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत
  • 15-18 साल के बच्चों को लगाया जा रहा है टीका

देश में 3 जनवरी से कोविड के लड़ाई के तहत 15-18 साल के बच्चों को भी वैक्सीन लगाने के अभियान की शुरुआत हुई थी. बच्चों में वैक्सीनेशन के लिए जबर्दस्त उत्साह देखा गया. कोविड संकट के बीच राहत की खबर ये है कि महज तीन दिन में ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा एक करोड़ पार हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध स्तर पर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है.

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सुबह से लगी लंबी कतारें

दिल्ली एनसीआर के वैक्सीनेशन सेंटर्स पर बुधवार को भी सुबह से ही बच्चों के वैक्सीनेशन का सिलसिला जारी रहा. मौसम खराब होने के बावजूद बच्चों के वैक्सीनेशन की संख्या में कोई कमी नहीं आई. सुबह से बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. दिल्ली के आरएसवीपी स्कूल में 1 दिन में 500 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है.

वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं

बच्चों का कहना है कि वे वैक्सीनेशन के बाद ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बच्चों ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद किसी भी तरह का माइल्ड साइड इफेक्ट नजर नहीं आया. हालांकि वैक्सीन लगवाने से पहले थोड़ा डर लग रहा था लेकिन अब कोई डर नहीं हैं. 

इस जादुई आंकड़े को छूने का भरोसा था

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चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. धीरेन गुप्ता का कहना है कि बच्चों के वैक्सीनेशन का आंकड़ा एक करोड़ को पार करना सुखद संकेत हैं. जिस तरह से पहले दिन से बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा रहा था, उससे बड़ी ही आसानी से अंदाजा लग गया था कि जल्दी हम इस आंकड़े को छू लेंगे.

कई वैक्सीन के ट्रायल चल रहे 

डॉ. गुप्ता ने बताया कि बच्चों को दी जा रही कोवैक्सिन के अलावा अन्य कई और वैक्सीन के ट्रायल इस वक्त चल रहे हैं. जहां तक जायडस कैडिला की बात है, तो पहले उनके परिणाम वयस्कों में देख जाएंगे, उसके बाद ही इस वैक्सीन को बच्चों के लिए अप्रूवल मिलेगा. यह वैक्सीन चूंकि डीएनए के जरिए लगाई जानी है, इसीलिए हो सकता है कि बच्चों के लिए इसे अप्रूवल मिलने में थोड़ा समय लगेगा. वहीं कोवोवैक्स और कॉर्बिवैक्स की बात करें तो उनके भी ट्रायल्स इस वक्त चल रहे हैं. हो सकता है कि फरवरी या मार्च तक ने बच्चों के लिए सहमति मिल जाएगी.

15 से कम उम्र के बच्चों को कब लगेगी वैक्सीन

15 से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने पर डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस वक्त जरूरी है कि हम वयस्कों को बूस्टर डोज देने पर ध्यान दें. तीसरी लहर के बढ़ते हुए खतरे को ध्यान में रखकर सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और वयस्कों को बूस्टर डोज जल्द लगाई जानी चाहिए. इसके बाद ही 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने पर विचार किया जाना चाहिए.

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