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AMU में कोरोना का कहर! एक हफ्ते में 15 प्रोफेसर गंवा चुके हैं जान, जानिए कैसे हैं हालात

बीते दो हफ़्तों के अंदर एएमयू के 15 प्रोफेसर कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके अतिरिक्त एएमयू के मौजूदा कर्मचारी व रिटायर्ड कर्मचारियों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो इस महामारी में मरने वालों की संख्या 40 के ऊपर पहुंच गई है.

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • AMU में कोरोना से अबतक 40 की मौत
  • 7 दिनों में 15 प्रोफेसर गंवा चुके हैं जान
  • कोरोना की दूसरी लहर बनी जानलेवा

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से जुड़े एक और प्रोफेसर का कोरोना से निधन हो गया. एएमयू लॉ फैकल्टी के डीन प्रो डॉ मौहम्मद शकील अहमद समदानी का एएमयू के ही जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो गया. बीते दो हफ़्तों के अंदर एएमयू के 15 प्रोफेसर कोरोना की दूसरी लहर में अपनी जान गंवा चुके हैं.

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यूपी के जौनपुर निवासी प्रोफेसर शकील समदानी ने यूपी बोर्ड से 10 व 12 उत्तीर्ण करने के बाद गोरखपुर यूनिवर्सिटी से BA किया था. उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही एलएलबी, एलएलएम व पीएचडी पूरी की.

एएमयू पर कोरोना की दूसरी लहर आफ़तों का पहाड़ बनकर टूट गई है. इसकी बानगी है कि बीते दो हफ़्तों के भीतर एएमयू के 15 प्रोफसरों को कोरोना की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसके अतिरिक्त एएमयू के मौजूदा कर्मचारी व रिटायर्ड कर्मचारियों का आंकड़ा जोड़ा जाए तो इस महामारी में मरने वालों की संख्या 40 के ऊपर पहुंच गई है.

प्रोफेसर शकील अहमद समदानी

देश के महान शिक्षाविद् सर सैयद अहमद खान ने 1875 में मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी, जो 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जैसा बड़ा इंस्टीट्यूशन बन गया. वर्ष 1920 से लेकर आज तक एएमयू में इतना चिंताजनक दौर कभी नहीं आया, जब इतनी बड़ी संख्या में वर्तमान प्रोफेसर, रिटायर्ड प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों का निधन हुआ हुआ हो. 

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एएमयू प्रशासन इस पर चिंता में है और साथ ही साथ एएमयू में इसको लेकर शोक व्याप्त है. लगभग रोजाना ही एएमयू किसी न किसी प्रोफेसर, रिटायर्ड प्रोफेसर व अन्य स्टाफ के निधन पर शोक व्यक्त कर रहा है. अब एएमयू में इसको लेकर दहशत का माहौल व्याप्त हो चुका है.

इस महामारी में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मौजूदा कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने भी इस वैश्विक महामारी ने अपने बड़े को खोया है. कमर फारुख ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही अपनी तालीम पूरी की थी. 1992 में बतौर यूनिवर्सिटी रिप्रजेंटेटिव ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशन कॉन्फ्रेंस को लीड किया था. साथ ही वह ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशन कमेटी के मेंबर भी रहे थे.

यूनिवर्सिटी की हस्तियों में शामिल कई नाम अब इस दुनिया से विदा ले चुके हैं. इसी में एक नाम है संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ का, उनका भी बीते दिनों कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो चुका है. प्रो. खालिद ने ऋग्वेद में पीएचडी की थी. रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट में इनकी दोनों बेटियां इला और इब्रा भी अलीगढ़ का नाम रोशन कर चुकीं है. ये अपनी पत्नी को व्हाट्सएप पर ट्रिपल तलाक़ देने को लेकर भी चर्चा में रहे थे.

कोरोना काल में AMU के इन प्रोफेसरों की हुई मौत

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एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव व ईसी मेंबर प्रो. आफताब आलम ने दुनिया छोड़ चुके इन शिक्षकों की सूची तैयार की है. जिनमें एएमयू के लॉ फैकल्टी के डीन प्रो. शकील समदानी, पूर्व प्राक्टर प्रो. जमशेद सिद्दीकी, सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानउल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बख्श अंसारी, पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. मो. अली खान, राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी, मोहम्मद जमशेद, मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्दीकी, इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान, म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डा. मोहम्मद इरफान, सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डा. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ, अंग्रेजी विभाग के डा. मोहम्मद यूसुफ अंसारी का नाम शामिल है.

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