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क्या कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है महाराष्ट्र?

आधे सितंबर से नए केसों में नियमित गिरावट के बाद महाराष्ट्र में 19 नवंबर से नए केसों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज हुई है.

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कोरोना टेस्ट (फाइल फोटो-PTI)
कोरोना टेस्ट (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में कुल केसों की संख्या 18,52,266
  • रविवार को सामने आए करीब 5 हजार नए मामले

नवंबर के तीसरे हफ्ते से पश्चिम और उत्तर भारत के कुछ राज्यों में देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले कोरोना केसों में वृद्धि दर्ज की गई है. इसी दौरान दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर दर्ज की गई. महाराष्ट्र में जब केस संख्या बढ़ने लगी तो तत्कालिक चिंता ये थी कि क्या महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है?

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आधे सितंबर से नए केसों में नियमित गिरावट के बाद, महाराष्ट्र में 19 नवंबर से नए केसों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज हुई है. रविवार को राज्य में लगातार दूसरे दिन 5,000 से कुछ कम कोरोना केस दर्ज किए गए. 4,757 नए केस के साथ कुल केसों की संख्या 18,52,266 पहुंच गई. रविवार को 40 मौतों के साथ अब तक कुल मौतों की संख्या 47,734 हो गई है. 

हालांकि, महाराष्ट्र के लिए अच्छी खबर यह है कि केस में गिरावट के बाद ये बढ़ोतरी टेस्टिंग में वृद्धि के चलते हुई है. नतीजतन, आंकड़ों से पता चलता है कि केस में वृद्धि के बावजूद टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में गिरावट आई है.

राज्य के 35 जिलों में से 14 में पॉजिटिविटी रेट राज्य के 16 फीसदी के औसत से ज्यादा है. आंकड़ों से पता चलता है कि पालघर, रायगढ़ और नासिक जैसे जिलों में 25 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट दर्ज की गई है. महाराष्ट्र ने अब तक 1,12,73,704 लोगों का टेस्ट किया है. महाराष्ट्र में ये वृद्धि चार अन्य राज्यों गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हुई केस वृद्धि के विपरीत है, जहां कम परीक्षण के बावजूद नए केस बढ़ रहे हैं.

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इन राज्यों में केस इसलिए नहीं बढ़ रहे हैं क्योंकि यहां टेस्टिंग भी बढ़ाई गई है. इन राज्यों में टे​स्ट पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी हुई है. मुंबई में भी यही स्थिति है, जहां थोड़ी उथल-पुथल के बाद पॉजिटिविटी रेट में अभी गिरावट आई है. लेकिन टेस्ट संख्या बढ़ने से ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि राज्य में कोरोना की एक और लहर की आशंका है.

नवंबर के तीसरे सप्ताह में महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर कहा कि जनवरी-फरवरी में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग बढ़ाई जाए.

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निदेशालय ने अधिकारियों से संभावित ‘सुपर-स्प्रेडर्स’ जैसे किराने की दुकान के मालिक, डोर-टू-डोर सेवाएं देने वाले, परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले लोग, मजदूर, हाउसिंग सोसायटी में तैनात सुरक्षा गार्ड, पुलिस और होमगार्ड आदि की पहचान करने के लिए कहा है.

 

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