कोरोना की दूसरी लहर में नए मामले कम होते जा रहे हैं, लेकिन लोगों की चिंता तीसरी लहर को लेकर अभी से सताने लगी है. एक्सपर्ट्स का कहना था कि तीसरी लहर बच्चों पर कहर बनकर टूट सकती है. इस वजह से बच्चों के परिजन खौफजदा हैं. हालांकि, अब डॉ. वीके पॉल सरीखे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को लेकर एक राहत की खबर दी है.
डॉ. वीके पॉल सरीखे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अभी यह निश्चित नहीं है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है, पिछले डेटा इसका समर्थन नहीं करते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगर बच्चों के परिजनों को टीके लग जाते हैं तो वायरस बच्चों तक नहीं पहुंच सकता है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए पीएम की कोविड प्रबंधन टीम के प्रमुख सदस्यों में से एक डॉ वीके पॉल ने कहा, 'यह अनिश्चित है कि तीसरी लहर विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करेगी. अब तक बच्चों ने वयस्कों के समान सेरोप्रेवलेंस का प्रदर्शन किया है, जिसका अर्थ है कि वे वयस्कों की तरह ही प्रभावित होते हैं.'
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने दिसंबर 2020 - जनवरी 2021 की अवधि के दौरान दर्ज किए गए विभिन्न आयु समूहों और खंडों के बीच सेरोप्रेवलेंस का डेटा साझा किया, जिसका सरल शब्दों में अर्थ है- 'एक जनसंख्या में रोगज़नक़ का स्तर, जैसा कि रक्त सीरम में मापा जाता है.'
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी माहौल साफ करने की कोशिश की है. वह कहते हैं, 'यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है कि तीसरी COVID-19 लहर के दौरान बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे.' वहीं, डॉ वीके पॉल ने कहा, 'अगर वयस्कों का टीकाकरण हो जाता है तो वायरस का बच्चों तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.'
वहीं, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) ने बच्चों के माता-पिता से डरने के लिए नहीं कहा है क्योंकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि अगर तीसरी लहर होती है तो यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करेगी. विशेषज्ञ इस संभावना से भी इंकार कर रहे हैं कि संभावित अगली लहर में संक्रमित बच्चों में अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि पहली और दूसरी लहर के दौरान एकत्र किए गए डेटा बताते हैं कि केवल कुछ प्रतिशत बच्चों को ही गंभीर संक्रमण था. विशेषज्ञों का दावा है कि उन्होंने देखा है कि संक्रमण के बावजूद बच्चों का एक बड़ा हिस्सा असिम्टोमेटिक रहता है और घर पर इसका इलाज किया जा सकता है.